नई दिल्ली। देश के तीन नए आपराधिक कानूनों को सुचारू रूप से लागू करने को लेकर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह द्वारा चार एप- ई-साक्ष्य, न्याय सेतु, न्याय श्रुति और ई-समन जारी किए गए। एक कार्यक्रम में शाह ने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के पूरी तरह से लागू होने के तीन साल के भीतर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ सकता है।
ई-साक्ष्य, सभी गवाही, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी ई-साक्ष्य सर्वर पर रखी जाएगी। यह वास्तविक समय के आधार पर सभी अदालतों के लिए उपलब्ध होगा।
ई-समन एप से अदालतें पुलिस स्टेशनों और संबंधित व्यक्ति, जिसे समन भेजा जाना है, को इलेक्ट्रॉनिक रूप से समन भेजेगी।
न्याय सेतु डैशबोर्ड पुलिस, चिकित्सा, फोरेंसिक, अभियोजन और जेल अधिकारियों को जोड़ेगा। यह पुलिस को वास्तविक समय के आधार पर जांच से संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेगा।
न्याय श्रुति ऐप अदालत को वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से गवाहों को सुनने में सक्षम बनाएगा।
बात दें कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम (2023) द्वारा 1 जुलाई, 2024 से ये कानून देशभर में प्रभावी हैं। इन क़ानूनों के अनुसार, सात साल की अनिवार्य न्यूनतम सज़ा वाले आपराधिक मामलों में फोरेंसिक जांच की आवश्यकता होती है।
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