नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी आने वाले विधानसभा चुनाव में किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है. बीजेपी ने गुरुवार (25 जुलाई) को संगठन मंत्रियों की बड़ी बैठक बुलाई है. बीजेपी मुख्यालय में हो रही इस बैठक में आने वाले विधासनभा चुनावों पर चर्चा होने वाली है. बैठक आज सुबह 11 बजे शुरू होगी. इस बैठक में अगले अध्यक्ष को लेकर जो चुनावी प्रक्रिया होगी, उस पर भी चर्चा की जाएगी।
दरअसल, दिल्ली में बीजेपी की दो दिवसीय संगठनात्मक बैठक हो रही है. इसकी शुरुआत गुरुवार से होगी. इसमें उन तीन राज्यों को लेकर चुनावी प्लानिंग बनेगी, जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में इस साल के आखिर तक चुनाव होने हैं. तीनों ही राज्यों के बीजेपी नेता इस बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं और इसके जरिए खुद को एकजुट दिखाने का प्रयास भी किया जाएगा. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बीजेपी के मुख्यमंत्रियों और डिप्टी सीएम की भी बैठक हो सकती है।
लोकसभा चुनाव की गलती नहीं दोहराने पर फोकस
बीजेपी ने संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बेहद ही औसत प्रदर्शन किया है. इस संबंध में पार्टी का चिंतन शिविर हो चुका है, लेकिन बैठक में एक बार फिर से इस पर चर्चा की संभावना है. बीजेपी चुनावी हार से सबक लेते हुए उसे विधानसभा चुनाव में नहीं दोहराने की उम्मीद करेगी. जिन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उसमें से दो जगहों पर अभी बीजेपी की ही सरकार है. महाराष्ट्र और हरियाणा में बीजेपी तो झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार है।
तीन राज्यों को जीतना बीजेपी के लिए कितना मुश्किल
देश के जिन तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उसमें सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है. यहां पर अभी बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की सरकार है. इसमें शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित पवार गुट) शामिल हैं. इसका मुकाबला विपक्ष के महाविकास अघाड़ी से हैं, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) और एनसीपी (शरद गुट) शामिल है. लोकसभा चुनाव में महायुति को महाविकास अघाड़ी ने बुरी तरह हराया था. बीजेपी चाहेगी कि ऐसा दोबारा नहीं हो.
झारखंड की बात करें तो यहां अभी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है. बीजेपी को उम्मीद है कि जिस तरह से उसने झारखंड के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में सरकार बनाई है, वैसे ही वह यहां पर भी बना लेगी. पिछले साल से ही बीजेपी ने यहां पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. इसकी वजह से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी भी हुई. वह इसी को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जाने की कोशिश करेगी.
हरियाणा में बीजेपी की राह मुश्किल नजर आ रही है. इसकी वजह लोकसभा चुनाव हैं, जहां 10 में से सिर्फ पांच सीटों पर बीजेपी को जीत मिली. कांग्रेस इस वक्त हरियाणा में मजबूत नजर आ रही है और दूसरी ओर बीजेपी बिखरी सी हुई है. कांग्रेस अगर अपने अंतर्कलह को खत्म करने में कामयाब रहती है तो वह बीजेपी को अच्छी टक्कर देने वाली है. बीजेपी को चुनावी जीत के लिए जनता का भरोसा एक बार फिर से जीतना होगा. यहां पर जमीनी रूप से काम करने की जरूरत है।
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