देश

पहाड़ी पर बैठे आतंकी प्रशिक्षित है और अफगानिस्तान युद्ध में भी निपुण

जम्मू कश्मीर। डोडा में जिस तरह से आतंकी गोलीबारी कर रहे है वो प्रशिक्षित हैं और अफगानिस्तान युद्ध में माहिर हैं। हालात ये हैं कि जम्मू-कश्मीर में हाल के कुछ महीनों में घुसपैठ और आतंकवादी हमले की कई घटनाएं सामने आई हैं। बढ़ते आतंकी हमलों के पीछे खुफिया तंत्र की चूक को भी अहम माना जा रहा है। सेना एवं सुरक्षा बलों को सूचनाएं हासिल करने में आम जनता का सहयोग नहीं मिल पा रहा है। इसके चलते सटीक सूचनाएं नहीं मिल रही हैं और आतंकी बड़े हमलों को अंजाम देने में कामयाब हो रहे हैं। मीडिया में आ रहीं खबरों के मुताबिक पिछले छह महीनों में घाटी में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के एक नए समूह का आतंकवादी हमलों में वृद्धि के पीछे हाथ हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, इस समूह में मुख्य रूप से पाकिस्तान के पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्रों से भर्ती हुए लोग शामिल हैं। इनके जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े होने का संदेह है।

पुंछ-राजौरी हमलों के लिए पीपुल्स एंटी-फासीस्ट फ्रंट ने शुरुआत में जिम्मेदारी ली थी, जबकि कश्मीर टाइगर्स ने डोडा-कठुआ में बाद के हमलों का श्रेय लिया।

दोनों समूहों को जैश-ए-मोहम्मद का फ्रंट माना जाता है। ये आतंकवादी अत्यधिक प्रशिक्षित और प्रेरित बताए जा रहे हैं। इस बात की संभावना है कि इस नए आतंकी गुट में पाकिस्तान सेना के पूर्व सैनिक और अफगानिस्तान में युद्ध का अनुभव रखने वाले लड़ाके भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों की सटीकता, बॉडी कैमरा जैसी उन्नत तकनीक के उपयोग के साथ, अनुभवी लड़ाकों की मौजूदगी इसी ओर इशारा करती है। लड़ाके संभवतः खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र से हैं, जिन्होंने तालिबान के साथ लड़ाई लड़ी है। रिपोर्ट में सशस्त्र बलों के एक अधिकारी के हवाले से बताया, दोनों आतंकी समूहों ने बॉडी कैमरों का उपयोग करके हमलों के वीडियो बनाए हैं। एक बैकएंड टीम वीडियो को वायरल करने के लिए अंग्रेजी में सबटाइटल डालने का काम करती है। वे कभी-कभी रॉबर्ट फ्रॉस्ट जैसे प्रसिद्ध लेखकों और कवियों का भी उल्लेख करते हैं।

डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ भीषण मुठभेड़ में सोमवार रात को सेना के चार जवान शहीद हो गए। यह जम्मू में तीन सप्ताह में तीसरी बड़ी आतंकवादी घटना थी और नई एनडीए सरकार के शपथ लेने के बाद से सातवीं घटना है। 8 जुलाई को कठुआ जिले में एक आतंकवादी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और इतने ही घायल हो गए। एक दिन पहले राजौरी जिले में एक सुरक्षा चौकी पर आतंकवादी हमले में एक सैन्यकर्मी घायल हो गया था। 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी कैबिनेट ने नए कार्यकाल के लिए शपथ ली थी, उसी दिन रियासी जिले में एक बस पर आतंकवादी हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए और 42 घायल हो गए।

Gaurav

Recent Posts

अमेरिका में मौजूद भारतीय खजाना लेकर लौटेंगे पीएम मोदी

वॉशिंगटन। पिछले 10 साल से भारत ने अपने प्राचीन खजाने को वापस पाने के लिए…

20 hours ago

जब एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने पीएम मोदी की पीठ पर हाथ रखकर कर दिया बड़ा वादा

वॉशिंगटन। क्वाड देशों की हुई बैठक में सभी ने एकजुटता के साथ आतंकवाद का विरोध…

20 hours ago

क्वाड की बैठक में उत्तर कोरिया को बताया दुनिया के लिए खतरा, यूएनएससी में बताई सुधार की जरुरत

वॉशिंगटन। क्वाड शिखर सम्मेलन सभी देशों ने एक साथ कहा कि दुनिया के लिए उत्तर…

20 hours ago

भारत के भगोड़े उपदेशक को पाकिस्तान ने दिया न्यौता,15 दिन देगा व्याख्यान

इस्लामाबाद। कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक और भारतीय भगोड़े जाकिर नाइक को पाकिस्तान से बुलावा आया है।…

20 hours ago

यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का शासन खत्म करने वाला चुनाव

शाह बोले- यहां के आका पहले पाकिस्तान से डरते थे, अब वह मोदी से डरता…

20 hours ago

दिल्ली की सबसे कम उम्र की तीसरी महिला सीएम बनी आतिशी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ…

20 hours ago