प्रदेश

हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ गए हैं: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री मोदी की पहल अखण्ड भारत की याद दिलाती है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सीएए में आवेदकों को दिये भारतीय नागरिकता प्रमाण-पत्र

नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 में प्रदेश में पहली बार तीन लोगों को प्रदान की नागरिकता

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ गए हैं। यह अपने धर्म को बचाने के लिए अपने मूल देश आये हैं। सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के आने के बाद नागरिकता पाने वाले सभी लोगों का हम स्वागत करेंगे। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि नई पीढ़ी के यह लोग मध्यप्रदेश का हिस्सा बन रहे हैं। हमारे देश के नागरिकों के जो अधिकार हैं वही अधिकार इनको मिलेंगे। मध्यप्रदेश में इनका स्वागत है, राज्य शासन से हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह लोग मध्यप्रदेश का निवासी बनकर गर्व का अनुभव करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) 2019 में प्रदेश के प्रथम तीन आवेदकों को मंत्रालय में भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान करने के बाद चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राखी दास, समीर मेलवानी और कुमारी संजना मेलवानी को नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान किए।

भारत ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर उदारता का परिचय दिया

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कठिनाई का निराकरण कर ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया है जो अखण्ड भारत की याद दिलाता है। वर्ष 1947 से पहले तत्कालीन सरकार द्वारा निर्णय किया गया था कि हम अपने अपने देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करेंगे। इस भरोसे पर हमारे कई हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई भाई-बहन उन स्थानों में रह गए जो पहले भारत के ही भाग थे। आशा के विपरित उन देशों में हमारे धर्मावलंबियों की सुरक्षा का अभाव रहा और उन्हें कई कष्ट भोगने पड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू कर उदारता का परिचय दिया है। हमारे लिए प्रसन्न्ता की बात यह है कि अपने लोग अपने देश आ रहे हैं।

सीएए में नागरिकता प्रदान करने के लिए पात्रता

नागरिकता संशोधन अधिनियिम (सीएए)2019 के अंतर्गत इन नियमों के लागू होने मध्यप्रदेश में प्रथम बार तीन लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है। नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019(सीएए)2019 के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में धारा 6 बी जोड़ी गई है। सीएए के तहत नागरिकता प्रदान करने के लिए प्रवासी का सम्बन्ध हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई में से किसी एक समुदाय से होना चाहिए, प्रवासी अफगानिस्तान,बंगलादेश या पाकिस्तान में से किसी एक देश का नागरिक होना चाहिए और प्रवासियों द्वारा 31 दिसम्बर 2014 का या उससे पहले भारत में प्रवेश किया होना चाहिए। सीएए के तहत आवेदन वेबसाइट https://indiancitizenshiponline.nic.in/ पर ऑनलाइन या मोबाइल एप्लिकेशन, सीएए-2019 के माध्यम से दर्ज किया जाता है।

Gaurav

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