नई दिल्ली । 18वीं लोकसभा के पहले सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने संसद भवन परिसर में कहा कि संसदीय लोकतंत्र में आज का दिन गौरव मय है, यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार हमारे अपने नए संसद में यह शपथ हो रहा है, अब तक ये प्रक्रिया पुराने संसद में होती थी। आज के इस महत्वपूर्ण दिन पर मैं सभी नव निर्वाचित सांसदों का स्वागत करता हूं सबका अभिनंदन करता हूं और सबको शुभकामनाएं देता हूं।
प्रधानमंत्री ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कल 25 जून है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर लगे उस कलंक के 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। भारत की नई पीढ़ी कभी नहीं भूलेगी कि भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था, संविधान के हर हिस्से की धज्जियां उड़ा दी गई थीं, देश को जेलखाना बना दिया गया था, लोकतंत्र को पूरी तरह दबा दिया गया था। उन्होंने कहा कि अपने संविधान, भारत के लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की रक्षा करते हुए देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके, जो 50 साल पहले किया गया था। हम एक जीवंत लोकतंत्र का संकल्प लेंगे। हम भारत के संविधान के निर्देशों के अनुसार सामान्य मानवी के सपनों को पूरा करने का संकल्प लेंगे।
2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य
पीएम मोदी ने कहा कि संसद का ये गठन भारत के सामान्य मानवी के संकल्पों की पूर्ति का है। नए उमंग, नए उत्साह के साथ नई गति, नई ऊंचाई प्राप्त करने का ये अवसर है। 2047 तक विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य लेकर आज 18वीं लोकसभा का प्रारंभ हो रहा है।
विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से संपन्न हुआ
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा चुनाव बहुत ही शानदार तरीके से, बहुत ही गौरवमय तरीके से संपन्न होना, ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मतदान में हिस्सा लिया। ये चुनाव इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण हो गया, क्योंकि आजादी के बाद दूसरी बार देश की जनता ने किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर दिया है।
देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमने हमेशा एक परंपरा का पालन करने का प्रयास किया है। हमारा मानना है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत की आवश्यकता होती है, लेकिन देश चलाने के लिए सर्वसम्मति सबसे महत्वपूर्ण है। इसलिए हमारा निरंतर प्रयास रहेगा कि हम मां भारती की सेवा करें और 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं और महत्वाकांक्षाओं को सबकी सहमति से और सबको साथ लेकर पूरा करें। हम संविधान की पवित्रता को बनाए रखते हुए, सबको साथ लेकर आगे बढऩा चाहते हैं और फैसले लेने में तेजी लाना चाहते हैं।
विपक्ष को दिया संदेश
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को विपक्ष से अच्छे कदमों की उम्मीद है, लेकिन अब तक यह निराशाजनक रहा है। उम्मीद है कि वह अपनी भूमिका निभाएगा और लोकतंत्र की मर्यादा बनाए रखेगा। उन्होंने कहा कि भारत को एक जिम्मेदार विपक्ष की जरूरत है और लोग नारे नहीं, बल्कि सार्थकता चाहते हैं। विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे संसद में चर्चा और परिश्रम चाहते हैं, व्यवधान नहीं।
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