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अंतर‍िक्ष तक पहुंच सकती है रुस और युक्रेन के बीच चल रही जंग

मॉस्को। यूक्रेन के साथ दो साल से ज्यादा समय से रूस युद्ध में उलझा हुआ है। इस दौरान रूस ने अपने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम पर ही ज्यादातर समय भरोसा जताया लेकिन हाल के समय में यूक्रेनी मिसाइलों के खिलाफ एस-400 के फेल होने की रिपोर्ट सामने आई हैं। ऐसे में रूस ने रणनीतिक तौर पर बेहद अहम केर्च ब्रिज को यूक्रेनी हमलों से बचाने के लिए रणनीति बदली है। ये पुल रूस को क्रीमिया से जोड़ता है। रूस इसका इस्तेमाल क्रीमिया में सैनिकों और हथियारों के परिवहन के लिए उपयोग करता है। इस पुल को बचाने के लिए रूस ने अपनी सबसे नई और सक्षम एस-500 वायु रक्षा प्रणाली को तैनात किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेनी रक्षा खुफिया (एचयूआर) प्रमुख किरिलो बुडानोव ने बताया है कि रूस ने केर्च ब्रिज की रक्षा के लिए अपने सबसे परिष्कृत एस-500 वायु रक्षा प्रणाली को क्रीमिया में तैनात किया है।

किरिलो बुडानोव ने कहा कि हमने एस-500 तत्वों क्रीमिया में देखा है। एस-500 की तैनाती की रिपोर्ट पूर्व रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू की ओर से अप्रैल में की गई उस घोषणा के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि रूसी सशस्त्र बलों को इस साल अगली पीढ़ी के बहुप्रतीक्षित एस-500 वायु रक्षा प्रणाली का पहला बैच प्राप्त होगा। बुडानोव के दावे पर सैन्य विश्लेषकों ने कहा है कि रूस अपने रणनीतिक महत्व को देखते हुए यूक्रेनी हमलों के खिलाफ केर्च ब्रिज को सुरक्षित कर रहा है। इस पुल को कई बार यूक्रेनी सेना निशाना बना चुकी है। अगस्त 2023 में भी ये पुल बमबारी में क्षतिग्रस्त हो गया था।

सैन्य विश्लेषक विजिंदर के ठाकुर का इस पर कहना है कि एस-500 प्रणाली की अतिरिक्त रेंज यूएस/नाटो संपत्तियों को करीब 100 किमी दूर संचालित करने के लिए मजबूर करेगी, जिससे उनकी आईएसआर क्षमता कम हो जाएगी। ये तैनाती ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन ने रूस पर हमला करने के लिए अपने लंबी दूरी के हथियारों का उपयोग करना शुरू कर दिया है, खासकर क्रीमिया को तीव्र जोखिम में डाल दिया है। एस-500 गेम-चेंजर साबित होने का वादा करता है। यह कथित तौर पर पांचवीं पीढ़ी के विमानों, कम कक्षा के उपग्रहों और मिसाइल खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है। इसे ए-135 एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम के संभावित प्रतिस्थापन के रूप में बनाया गया था, जो अब मॉस्को के बाहर साइलो में तैनात है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली, एस-400 ट्रायम्फ का समर्थन करना है। एस-500 एक परिष्कृत रडार कॉम्प्लेक्स से सुसज्जित है जिसमें प्रति बैटरी चार रडार वाहन शामिल हैं।

Gaurav

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