नई दिल्ली। आतंकवादियों ने अपना ठिकाना बदल दिया है। वे एक ऐसी जगह से अपने मंसूबों को अंजाम देने में लगे हैं जो उनके लिए महफूस कही जा सकती है। पीर पंजाल हिमालय की एक पर्वतमाला है, जो बाहरी श्रेणी कहलाती है। यह पाकिस्तान, अधिकृत कश्मीर से होते हुए भारत में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक फैला है। कश्मीर का गुलमर्ग, सोनमर्ग जैसे मैदान और हिमाचल के कुल्लु, लाहौल स्पिति जैसे जिले इसी पर्वतमाला में स्थित हैं। इस लघु हिमालय भी कहा जाता है, जो मुख्य हिमालय से दक्षिण में और एकदम बाहर स्थित है। इस इलाके में राबी, चिनाब और झेलम जैसी नदियां भी बहती हैं। प्राकृतिक मनोरम नजारों से भरपूर यह भौगोलिक इलाका पर्यटन के लिए काफी मशहूर रहा है। इसी में एक पीर पंजाल दर्रा है, जिससे होकर कश्मीर घाटी का रास्ता गुजरता है। पीर पंजाल के पहाड़ 13000 फीट तक ऊंचे हैं। सैलानी यहां सर्दियों में बर्फबारी का मजा लेने आते हैं। ये सारी पर्यटन गतिविधियां पीर पंजाल के उत्तरी हिस्से में ज्यादातक होती हैं, जहां अब आतंकी अपना नया ठिकाना बना रहे हैं। इस इलाके री बनावट ऐसी है कि ये आतंकियों के छिपने के लिए माकूल जगह उपलब्ध कराता है, इसलिए आतंकी इसे अपने ठिकाना बना रहे हैं। पहले भी यहां आतंकी घटनाएं हो चुकी हैं।
जम्मू-कश्मीर में फिर से बढ़ती आतंकी घटनाओं ने खुफिया एजेंसियों, सेना, रक्षा बलों और सरकार को चिंता में डाल दिया है। इस बीच खबर है कि आतंकियों ने अपना ठिकाना बदल दिया है और वे पीर पंजाल श्रेणी के उत्तर से दक्षिण की तरफ शिफ्ट हो गए हैं। पिछले दो साल में आतंकियों ने अपने ठिकानों में यह बड़ा बदलाव किया है। दिल्ली इसको लेकर विशेष तौर पर चिंतित और अलर्ट है क्योंकि जिस तरह से आतंकियों ने श्रद्धालुओं को निशाना बनाया है, उससे अमरनाथ यात्रा पर आंतकी हमले का खतरा बढ़ गया है। खुफिया सूत्रों ने कहा है कि पाकिस्तान जम्मू क्षेत्र में सांप्रदायिक दरार का फायदा उठाने की कोशिश कर रहा है, यही वजह है कि आतंकवादी लक्षित हमले कर रहे हैं। नॉर्थ ब्लॉक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया गया, यह जानते हुए भी कि इससे क्षेत्र में तनाव पैदा हो सकता है।
अमरनाथ यात्रा इसी महीने 29 जून से शुरू होने वाली है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। इन आतंकी हमलों का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में यूनिफाइड कमांड की एक तत्काल बैठक बुलाई गई थी, जिसमें अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। नॉर्थ ब्लॉक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, पिछले कुछ सालों में सुरक्षा बलों की संख्या कम हो गई है, क्योंकि यह क्षेत्र अपेक्षाकृत शांत हो गया था और संभवत: इसी स्थिति की वजह से इलाके में आतंकवादियों की आवाजाही बढ़ी है और आतंकी घटनाएं भी बढ़ रही हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में जम्मू क्षेत्र में सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों द्वारा एक संयुक्त ऑडिट किया गया था और कमियों को नोट किया गया था। फील्ड पर मौजूद एक अधिकारी ने बताया,इन कमियों को पूरा कर लिया गया है और क्षेत्र में दबदबे की कवायद की जा रही है। हालांकि, सेना ने अब तक यही कहा है कि पिछले साल कोई घुसपैठ नहीं हुई लेकिन हाल ही में हुई चार मुठभेड़ों ने उनकी रिपोर्ट को गलत साबित कर दिया है।
Ira Singh Khabar Khabaron ki,14 May '25 India’s retail inflation eased to a six-year low…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,13 May’25 India’s ascent as a global hub for Global Capability…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 May’25 Heightened geopolitical tensions threaten to unravel Pakistan’s fragile economic…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,05 May’2025 The United States is expected to seek significant changes…
Gwalior Khabar Khabaron Ki,05 May'25 In a ceremony marked by tradition and reverence, senior IPS…
Ira Singh Khabar khabaron Ki,4 May'25 Foreign Portfolio Investors (FPIs) injected Rs4,223 crore into Indian…