विभिन्न जिलों में हुए अच्छे कार्यों और नवाचारों की हुई प्रशंसा
वीडियो कॉन्फ्रेंस में दी गई जल गंगा संवर्धन अभियान की गतिविधियों की जानकारी
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार ने गत 6 माह में जनकल्याण के अनेक फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करेगा। हम विकास की नई इबारत लिखेंगे। विकास की प्रक्रिया में जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को भी शामिल होकर बेहतर परिणाम लाने में सहयोग करना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज समत्व भवन मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा सांसद, विधायक, मंत्रीगण, जिलों में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे। नगरीय विकास एवं आवास और संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, मुख्य सचिव वीरा राणा और अधिकारीगण वीडियो कांफ्रेंस में उपस्थित थे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी विभिन्न स्थानों से वीडियो कांफ्रेंस में शामिल हुए।
जल गंगा संवर्धन अभियान के संबंध में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंस में कहा कि ऐसे समाजसेवी जिन्होंने अभियान में आगे बढ़कर हिस्सेदारी की है उनके बारे में जानकारी प्राप्त कर पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए जिससे अन्य लोग भी ऐसे कार्यों के लिए प्रेरित हों। ऐसे लोगों को सम्मानित भी किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जल संरक्षण के लिए ऐसे स्थान का भी चयन करें जहां पर्यटन विकास हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्व-सहायता समूहों का सहयोग प्राप्त किया जाए। वीडियो कॉन्फ्रेंस में विभिन्न जिलों में जल गंगा संवर्धन अभियान से जुड़े कार्यों की जानकारी दी गई। विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से प्रारंभ जल गंगा संवर्धन अभियान का औपचारिक समापन 16 जून को होगा। इसके पश्चात भी जल संरक्षण गतिविधियां निरंतर जारी रहेंगी। विभिन्न जिलों में जल संरक्षण से जुड़े अभिनव कार्य हो रहे हैं। कुछ जिलों ने नवाचार भी किए हैं, जिनकी मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रशंसा की। अभियान के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पन्न कार्यों की विस्तृत जानकारी अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव और नगरीय क्षेत्रों में हुए कार्यों का विवरण प्रमुख सचिव श्री नीरज मंडलोई ने दिया।
जिलों में सम्पन्न गतिविधियाँ : एक नजर में
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने बताया कि जल स्त्रोतों के किनारे पौधे लगाने और नदियों के उद्गम स्थल की जानकारियां सामने लाने एवं जल संरक्षण के लिए जनता को जागरूक बनाने के कार्य किए जा रहे हैं। पटेल ने बताया कि उन्होंने रायसेन एवं अन्य जिलों में पलकमती, धसान, बेबस और बीना नदियों के उद्गम स्थलों का निरीक्षण किया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस में बताया कि उज्जैन में मई माह से ही तालाबों के गहरीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया था। नदियों के घाटों की साफ-सफाई की जा रही है। करीब 400 चेकडेम बनाए जा रहे हैं। गीता कॉलोनी की बावड़ी और गोवर्धन सागर से जुड़े जल संरक्षण कार्यों को शीघ्र क्रियान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने तराना में देवी अहिल्या द्वारा निर्मित करवाई गई प्राचीन अहिल्या बावड़ी के जीर्णोद्धार के भी निर्देश दिए। वीसी में उद्यानिकी विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि प्रदेश में विभिन्न प्रजातियों के साढ़े चार लाख पौधे लगाने की तैयारी की गई है। पोर्टल पर पंजीयन कार्य भी किया जा रहा है। कुल 2250 एकड़ क्षेत्र में 2200 कृषकों की भागीदारी से उद्यानिकी गतिविधियां होंगी। जुलाई और अगस्त माह में पौधरोपण का यह कार्य किया जाएगा।
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