नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी ने रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ ली। जवाहरलाल नेहरू के बाद हैट्रिक बनाने वाले वो दूसरे प्रधानमंत्री बन जाएंगे। राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मु ने मंत्रियों को राजभवन में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। मोदी 3.0 के शपथग्रहण आयोजित में कई विदेशी मेहमान भी शामिल हुए। नरेंद्र मोदी के साथ 72 मंत्रियों ने शपथ ली। जिसमें 30 कैबिनेट, 36 राज्यमंत्री, 5 राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) शामिल हैं। इनमें करीब 21 सवर्ण, 27 ओबीसी, 10 दलित, 5 आदिवासी और 5 अल्पसंख्यक जाति के सांसद शामिल हैं। भाजपा ने जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट का बंटवारा किया है।
मोदी ने रविवार सुबह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद वे अटलजी की समाधि और नेशनल वॉर मेमोरियल गए। सुबह मोदी ने अपने आवास पर संभावित मंत्रियों के साथ मीटिंग की। सूत्रों के अनुसार, जो मंत्रालय भाजपा अपने पास रखेगी, उनमें गृह मंत्रालय वित्त मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और रक्षा जैसे मंत्रालय अपने पास रखेगी। ये सभी ऐसे मंत्रालय हैं जो मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल के दौरान भाजपा के पास ही थे। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा स्पीकर को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है जिस पर सहयोगी दलों की भी नजर है। पिछली दो सरकारों में भाजपा नेता सुमित्रा महाजन और ओम बिरला लोकसभा स्पीकर रहे थे।
62 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी
शपथ लेने के साथ ही नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगातार तीन बार प्रधानमंत्री बनने के 62 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। नेहरू 1952, 1957 और 1962 में लगातार 3 बार पीएम बने थे। हालांकि, नेहरू की सरकार पूर्ण बहुमत की थी। मोदी की तीसरी पारी गठबंधन की बुनियाद पर चलेगी। प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के नेता शामिल हुए। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे समारोह में शामिल हुए।
कैबिनेट से कम मंजूर नहीं: अजित पवार
एनसीपी चीफ अजित पवार ने कहा कि हमें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के बारे में सूचना मिली लेकिन प्रफुल्ल पटेल खुद भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री पहले रह चुके हैं। हमें खुशी है कि उन्होंने हमें सूचना दी लेकिन उनके लिए यह पद लेना थोड़ा कठिन है…जो अटकलें लगाई जा रही हैं वह गलत हैं, कोई मतभेद नहीं है। वहीं, एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी कहा कि गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। मुझे राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के लिए सूचना मिली है, लेकिन मैं पहले से कैबिनेट मंत्री था, इसलिए मैंने इस ओहदे को स्वीकारन करने से मना कर दिया था। इसे लेकर गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है।
20 मंत्रियों का कटा पत्ता
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अहम विभाग संभालने वाले 20 मंत्रियों का इस बार पत्ता कटा है। उनमें स्मृति ईरानी, अनुराग ठाकुर, राजीव चंद्रशेखर, अजय मिश्रा टेनी, जनरल वीके सिंह, अश्विनी चौबे और नारायण राणे का नाम शामिल है। इसी तरह से अजय भट्ट, साध्वी निरंजन ज्योति, मीनाक्षी लेखी, राजकुमार रंजन सिंह, आरके सिंह, अर्जुन मुंडा, निशीथ प्रमाणिक, सुभाष सरकार, जॉन बारला, भारती पंवार, रावसाहेब दानवे, कपिल पाटिल, नारायण राणे और भगवत कराड को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। हालांकि, इनमें से कुछ नेता ऐसे हैं, जिन्हें चुनावी हार मिली है, जबकि कुछ को इस बार भाजपा ने लोकसभा का टिकट भी नहीं दिया था। इसके अलावा कुछ नेता ऐसे भी हैं, जिन्हें टिकट भी मिला और वह चुनाव भी जीते, लेकिन कैबिनेट से उन्हें दूर रखा गया है।
मप्र से ये बने मंत्री
मोदी मंत्रिमंडल में मप्र से 5 चेहरे शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक, सावित्री ठाकुर और दुर्गादास उईके ने मंत्री पद की शपथ ली। विदिशा सीट से सांसद चुने गए शिवराज सिंह चौहान पहली बार केंद्रीय मंत्री बनेंगे। वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्री थे। उन्हें इस बार फिर मौका मिलने जा रहा हैं। वहीं बैतूल से सांसद दुर्गादास उईके और धार से सांसद सावित्री ठाकुर पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं। इन 5 चेहरों में दो ओबीसी, दो एसटी और एक एससी वर्ग से आते हैं। इन 5 चेहरों से पूरे मध्यप्रदेश को कवर करने की कोशिश की गई है। शिवराज सिंह चौहान (मध्य भारत), ज्योतिरादित्य सिंधिया (ग्वालियर-चंबल), डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक (बुंदेलखंड), सावित्री ठाकुर (मालवा-निमाड़) और दुर्गादास उईके (नर्मदा पट्टी) से आते हैं।
100 दिन के रोडमैप पर चर्चा
शपथ ग्रहण समारोह से पहले रविवार को चाय पर भाजपा नेताओं से मुलाकात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संभावित मंत्रियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि वे शासन पर ध्यान दें और 100 दिन के रोडमैप को जमीन पर उतारें। उन्होंने कहा कि सभी लोग परियोजनाओं को समय पर पूरा करें। बता दें, कैबिनेट गठन से पहले पीएम मोदी हर बार चाय पर भाजपा नेताओं से मुलाकात करते हैं। साल 2014 में भी ऐसी ही बैठक आयोजित हुई थी। अब नरेंद्र मोदी ने संभावित मंत्रियों से कहा कि आप सभी सरकार पर ध्यान दें और सुनिश्चित करें कि परियोजनाएं समय पर पूरी हों।
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