इस्लामाबाद । भारत में पीओके को लेकर मोदी सरकार के आक्रामक रुख से पाकिस्तान की सेना खौफ में जी रही है। पाकिस्तानी सेना के डर का खुलासा अब सैटलाइट तस्वीरों से हुआ है। ताजा सैटलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी सेना ने अपने परमाणु अलर्ट के स्तर में बदलाव कर दिया है। पाकिस्तान अब पहाड़ों के अंदर सुरंगों का निर्माण कर रहा है, ताकि अगर भारत की ओर से हमला किया जाता है, तब उसके परमाणु बम सुरक्षित रहें। इतना ही नहीं पाकिस्तान अगर पहले परमाणु हमला करता है, तब उसकी गोपनीयता बनी रहे। हाल ही में पाकिस्तान की ओर से बयान आया है कि वह परमाणु बम को लेकर नो फर्स्ट यूज की नीति का पालन नहीं करता है। भारतीय सेना के पूर्व कर्नल और सैटलाइट तस्वीरों के चर्चित एक्सपर्ट विनायक भट्ट ने बताया कि पाकिस्तान इसलिए साइलो बना रहा है ताकि परमाणु वारहेड फिर चाहे वे मिसाइलों से अलग ही क्यों नहीं हो, उस सेंसर के जरिए पता नहीं लगाया जा सकता है। रिटायर भट्ट ने बताया कि इन नए साइलो को भूमिगत लांच सुविधा केंद्र नाम दिया गया है जो यह दर्शाता है कि पाकिस्तान के स्ट्रैटेजिक प्लांस डिविजन ने अपना परमाणु रुख और युद्ध का डिजाइन बदल दिया है। इसके तहत लंबी दूरी की मिसाइलों को न्यूक्लियर फर्स्ट यूज स्ट्रेटजी में शामिल किया गया है। भट्ट ने बताया कि पाकिस्तान ने कराची और हैदराबाद शहरों में स्थित परमाणु सुविधा केंद्रों में विशेष अलर्ट जोन बनाया गया है जहां पर दोहरी बाड़ लगी है। उन्होंने कहा कि यह प्रत्यक्ष रूप से दर्शाता है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर स्टेटस में बड़ा बदलाव कर दिया गया है ताकि बहुत तेजी से परमाणु हथियारों को लॉन्च के लिए तैयार किया जा सके। पाकिस्तान ने परमाणु ठिकानों के ढांचों में घुसने के लिए बनाई सुरंगों के बाहर कई ढांचे बनाए जा रहे हैं। इसके तहत कंक्रीट की परतें, स्टील प्लेट, विस्फोटक, स्टील प्लेट आदि को लगाया जा रहा है। भारतीय विशेषज्ञ ने बताया कि पाकिस्तान की कोशिश है कि किसी तरह से भारतीय सेना के किसी हमले की सूरत में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को बचाया जा सके। बता दें कि पाकिस्तान के पास 170 से ज्यादा परमाणु बम है। कई विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान ने टैक्टिकल परमाणु बम बनाने में भी सफलता हासिल कर ली है। इन परमाणु बमों को हवा, पानी और जमीन के जरिए दागने के लिए पाकिस्तान ने गौर, गजनवी जैसी कई मिसाइलों और मिराज तथा जेएफ 17 जैसे फाइटर जेट को तैनात कर रखा है। इस बीच पाकिस्तान ने हाल ही में ऐलान किया था कि उसकी कोई नो फर्स्ट यूज की नीति नहीं है। इसका मतलब यह है कि अगर पाकिस्तान को लगता है कि उसके ऊपर बड़ा खतरा है, तब वह परमाणु बम का पहले भी इस्तेमाल कर सकता है। वहीं भारत की बात करें तो हिंदुस्तान आज भी नो फर्स्ट यूज की नीति का पालन करता है।
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