Categories: ख़बरे

गांधी जी की पार्टी नेटाल इंडियन कांग्रेस पूर्ण बहुमत से चूकी

-30 साल की बादशाहत बरकरार रहने में अंदेशा

केप्टाउन । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने साउथ अफ्रीका में जिस पार्टी की नींव रखी थी वो आज वहां उसे आम चुनावों में पूर्ण बहुमत प्राप्त होता नजर नहीं आया है। गौरतलब है कि साल 1894 में गांधी जी ने साउथ अफ्रीका में नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की थी। बाद में यही पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस के रूप में जानी गई। करीब 30 साल तक साउथ अफ्रीका की सत्ता पर काबिज रहने के बाद अब अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी अपने बर्चस्व को बचाने में कामयाब होती नहीं दिख रही है।

यहां बतलाते चलें कि साउथ अफ्रीका में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 50 प्रतिशत वोट की दरकार होती है। एएनसी को इस बार महज 41.88 प्रतिशत वोट ही मिले हैं। मतलब साफ है कि वो सरकार बनाने से 8.12 प्रतिशत वोट से चूक गए हैं। अब अपने दम पर साउथ अफ्रीका की कांग्रेस पार्टी सरकार नहीं बना सकती है। दूसरे स्थान पर डीए पार्टी है, जिसे 23.22 प्रतिशत वोट मिले हैं। एमकेपी को साउथ अफ्रीका की जनता ने 11.52 प्रतिशत वोट दिए। इसी तर्ज पर ईएफएफ को 9.49 परसेंट वोट लोगों ने दिए। अब एएनसी को सरकार बनाने के लिए किसी अन्य दल के समर्थन की जरूरत होगी।

गांधी जी ने लंदन से वकालत की थी। उस समय सेठ अब्दुल्ला ने अपना केस लड़ने के लिए गांधी जी को साउथ अफ्रीका बुलाया था। उन्हें ट्रेन के फर्स्ट क्लास से बाहर निकाल दिया गया था। अफ्रीका में उन्होंने भारतीयों की तकलीफ को समझा। साल 1894 में उन्होंने साउथ अफ्रीका में भारतीयों को वोटिंग राइट दिलाने के लिए नेटाल इंडियन कांग्रेस बनाई थी। इस मुहीम के माध्यम से वो भारतीयों को साउथ अफ्रीका में एकजुट करने में सफल रहे थे।नेटाल इंडियन कांग्रेस से प्रेरित होकर आगे चलकर 8 जनवरी 1912 को साउथ अफ्रीका नेशनल कांग्रेस की स्थापना हुई, जिसका मकसद साउथ अफ्रीका के काले लोगों को बराबरी का अधिकार दिलाना था। साल 1948 से 1990 तक इस पार्टी ने देश में रंग के आधार पर भेदभाव के खिलाफ जमकर आवाज उठाई। इस दौरान पार्टी पर कई बार प्रतिबंद भी लगा।

रंग-भेद खत्म होने के बाद 90 के दशक में नई सरकार का गठन हुआ। नेलसन मंडेला काले लोगों के साथ हो रहे भेदभाव के जनक थे। साउथ अफ्रीका की आज की कांग्रेस पार्टी के पहले राष्ट्रपति मंडेला ही बने। तभी से यह पार्टी देश में सत्ता में है। मालूम हो कि अपने करियर के शुरुआती 20 साल साउथ अफ्रीका में बिताए थे, जहां उन्होंने भारतीयों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को लेकर आवाज उठाई और अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था। इस दौरान वो चार बार जेल भी गए।

Gaurav

Recent Posts

अमेरिका में मौजूद भारतीय खजाना लेकर लौटेंगे पीएम मोदी

वॉशिंगटन। पिछले 10 साल से भारत ने अपने प्राचीन खजाने को वापस पाने के लिए…

14 hours ago

जब एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने पीएम मोदी की पीठ पर हाथ रखकर कर दिया बड़ा वादा

वॉशिंगटन। क्वाड देशों की हुई बैठक में सभी ने एकजुटता के साथ आतंकवाद का विरोध…

14 hours ago

क्वाड की बैठक में उत्तर कोरिया को बताया दुनिया के लिए खतरा, यूएनएससी में बताई सुधार की जरुरत

वॉशिंगटन। क्वाड शिखर सम्मेलन सभी देशों ने एक साथ कहा कि दुनिया के लिए उत्तर…

14 hours ago

भारत के भगोड़े उपदेशक को पाकिस्तान ने दिया न्यौता,15 दिन देगा व्याख्यान

इस्लामाबाद। कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक और भारतीय भगोड़े जाकिर नाइक को पाकिस्तान से बुलावा आया है।…

14 hours ago

यह चुनाव जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का शासन खत्म करने वाला चुनाव

शाह बोले- यहां के आका पहले पाकिस्तान से डरते थे, अब वह मोदी से डरता…

14 hours ago

दिल्ली की सबसे कम उम्र की तीसरी महिला सीएम बनी आतिशी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ…

14 hours ago