सरकार ने चंदा लेकर चलने दीं घातक दवाएं
भोपाल । सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण ने भोपाल में कहा कि जिन कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को करोड़ों रुपए दिए हैं, वे किसी न किसी करप्शन में शामिल रही हैं। बीजेपी की सरकार इन कंपनियों से चंदा लेकर क्लीनचिट दे सकती है, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। अगले हफ्ते सुनवाई है। प्रशांत ने शनिवार को भोपाल के गांधी भवन में मीडिया से चर्चा में कहा कि कोर्ट से एसआईटी गठित कर जांच कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज, सीबीआई, ईडी के रिटायर्ड अधिकारियों की टीम को इसमें शामिल करने का अनुरोध किया है। राष्ट्रीय जन सूचना अधिकार अभियान (एनसीपीआरआई) की ओर से यह प्रेस कॉन्फें्रस रखी गई। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जो डेटा बाहर आया है, उसमें साफ हुआ है कि जिन कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड दिया है, उनके विरुद्ध कार्रवाई हुई है या फिर वे करप्शन के मामलों में दोषी थीं। रेमडेसिविर दवा बनाने वाली जायडस कैडिला (अहमदाबाद की कंपनी) जैसी 20 से अधिक कंपनियों की दवाओं को जनता के लिए घातक होने के बाद भी देश में इसलिए चलने दिया गया, क्योंकि इन कंपनियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को पैसा दिया था। यह कंपनी गुजरात की है और इसके विरुद्ध खतरनाक दवा बनाने की रिपोर्ट आने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सीबीआई, ईडी के दुरुपयोग की आशंका प्रशांत भूषण ने कहा कि 16 हजार करोड़ का जो पैसा दिया गया है, उसका अधिकतम हिस्सा घूस के तौर पर दिया गया। इसमें सीबीआई, ईडी जैसी सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग किए जाने की भी आशंका है। दरअसल, इनके जरिए किसी भी कंपनी के खिलाफ अब तक कार्रवाई शुरू नहीं की गई है। सीबीआई, ईडी और दूसरी जांच एजेंसियों का उपयोग इन कंपनियों पर दबाव बनाने के लिए भी किए जाने की आशंका है, इसलिए वे नहीं चाहते कि केंद्र के अधीन संस्थाएं कंपनियों की जांच करें। 40 प्रतिशत बॉन्ड बीजेपी को दिया गया सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि भारद्वाज ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड अनकांस्टिट्यूशनल है। यह बात खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कह चुकी हैं कि फिर उनकी सरकार बनी तो कांस्टिट्यूशन बदल देंगी। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां लाभ पाने वालों में शामिल हैं, उनके द्वारा 40 प्रतिशत बॉन्ड बीजेपी को दिया गया है। सीधा सवाल उठता है कि अगर कंपनियों की मंशा सही थी तो सिर्फ बीजेपी को ही क्यों बॉन्ड दिया गया? बाकी पार्टियों को बॉन्ड क्यों नहीं दिए गए। भारद्वाज ने टूजी मामले का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट गई है कि 2जी का फैसला बदल दीजिए। जब इस मामले में फैसला आया था तो पता चला था कि स्पेक्ट्रम की नीलामी कर लाखों करोड़ की गड़बड़ी की गई है। इस मामले में भारती टेलिकॉम जिम्मेदार रही है और इस कंपनी ने बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड दिए हैं। इसी तरह की स्थिति मेघा इंटरप्राइजेज कंपनी के मामले में भी है।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,10 July'25 Union Finance Minister Nirmala Sitharaman on Wednesday urged non-banking financial…
Ira Singh Khabar Khabron Ki,9 July'25 Former British Prime Minister Rishi Sunak has returned to…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,08 July'25 U.S. President Donald Trump has announced sweeping new tariffs,…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,07 July'25 Union Finance Minister Nirmala Sitharaman held a series of…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,06 July'25 India has emerged as the fourth-most equal country in…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,04 July'25 India’s foreign exchange reserves surged by Rs 41,359 crore…