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वोटिंग से पहले कांकेर में बड़ा एनकाउंटर, पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 29 नक्सली ढेर,

घायल जवानों को जंगल से निकालने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजा गया, छत्तीसगढ़ में 29 नक्सली ढेर

कांकेर । देश में 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान होना है। चुनाव के पहले छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को बड़ी कामयाबी मिली है। कांकेर जिले के माड़ इलाके में पुलिस ने 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया। सभी के शव बरामद हो गए हैं। इनमें नक्सली लीडर शंकर राव भी शामिल है। पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में तीन जवानों के घायल हुए हैं। छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के माड़ इलाके में मुठभेड़ जारी है, घायल जवानों को जंगल से निकालने के लिए अतिरिक्त फोर्स भेजा गया है।

सूत्रों के मुताबिक, नक्सली कमांडर शंकर राव और ललिता माड़वी भी मारे गए हैं जो डीवीसी रैंक के नक्सली लीडर थे। दोनों पर 25-25 लाख का इनाम घोषित था। पुलिस ने मौके से 4 ऑटोमेटिक हथियार भी जब्त किए हैं।

सूबे के 14 जिलों में नक्सलियों का प्रभाव

छत्तीसगढ़ दूसरा सबसे नक्सली प्रभावित राज्य है। गृह मंत्रालय के मुताबिक छत्तीसगढ़ के 14 जिले- बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव, महासमुंद, नारायणपुर, राजनंदगांव, सुकमा, कबीरधाम और मुंगेली नक्सल प्रभावित हैं। आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में पिछले काफी दिनों से कमी नहीं आ रही है। देखा जाए तो सूबे में हर साल औसतन साढ़े तीन सौ से ज्यादा नक्सली हमले होते हैं। इनमें हर साल औसतन 45 जवान शहीद हो जाते हैं।

एक साल में 300 से ज्यादा नक्सली हमले

पिछले साल मार्च में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों के आंकड़े पेश किए थे। इसके मुताबिक, 2022 में राज्य के अंदर 305 नक्सली हमले हुए थे। इससे पहले सरकार ने संसद में बताया था कि पिछले साल फरवरी 2023 तक (सिर्फ दो महीने में) छत्तीसगढ़ में नक्सली हमलों में 7 जवान शहीद हो चुके थे। आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से 2022 के बीच 10 साल में छत्तीसगढ़ में 3 हजार 447 नक्सली हमले हुए। इन हमलों में 418 जवान शहीद हुए, जबकि सुरक्षाबलों ने 663 नक्सलियों को मार गिराया।

दूसरे चरण में होने हैं चुनाव

बता दें कि कांकेर में 26 अप्रैल को यानी कि दूसरे चरण में ही मतदान होना है। छत्तीसगढ़ में रायपुर और जगदलपुर के बीच स्थित कांकेर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा सीटें शामिल हैं, जिनमें से छह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन विधानसभा सीटों में गुंडरदेही, संजारी बालोद, सिहावा (एसटी), डोंडी लोहारा (एसटी), अंतागढ़ (एसटी), भानुप्रतापपुर (एसटी), कांकेर (एसटी) और केशकाल (एसटी) शामिल हैं। मूल रूप से बस्तर जिले का हिस्सा, कांकेर 1998 में एक अलग जिला बन गया।

नक्सलियों को पकड़वाने पर मिलेगा 5 लाख इनाम

कबीरधाम जिले में नक्सलियों की सूचना देकर उन्हें पकड़वाने वाले को 5 लाख रुपए का इनाम देने की घोषणा की गई है। एसपी अभिषेक पल्लव ने इनाम के साथ ही पुलिस विभाग में सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया है। सूचना देने के लिए एक हेल्प लाइन नंबर 78988 15399 भी जारी किया गया है। दरअसल जिले में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। नक्सलियों का बढ़ता नेटवर्क पुलिस के लिए नई मुश्किलें पैदा कर रहा है। कभी नक्सलियों के लिहाज से बेहद शांत माने जाने वाले कबीरधाम जिले को माओवादियों ने अपना नया ठिकाना बना लिया है, क्योंकि बस्तर और बीजापुर में पुलिस का बेहद दबाव है। वहां लगातार नक्सल ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।

Gaurav

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