लंदन। ऋषि सुनक सरकार ने देश में प्रवासियों की आमद को कम करने के लिए ब्रिटेन में नए वीजा नियम पेश किए हैं। इसमें प्रायोजन शुल्क में 55 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की गई है। भारतीय मूल के लोगों सहित, यूके के पारिवारिक वीजा के लिए प्रायोजन चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अब न्यूनतम वार्षिक वेतन जीबीपी 29,000 होना चाहिए। पहले यह जीबीपी 18,600 था। अगले साल यह इनकम बढ़ाकर 38,700 जीबीपी कर दी जाएगी। यह पीएम सुनक और गृह सचिव जेम्स क्लेवरली के पैकेज में अंतिम उपाय है।
यूके के गृह मंत्रालय ने कहा कि यह लीगल माइग्रेशन को कम करने और यह सुनिश्चित करने के लिए है कि यहां आने वालों लोगों के कारण यहां के करदाता पर बोझ न पड़े। हम बड़े पैमाने पर माइग्रेशन के साथ एक चरम बिंदु पर पहुंच गए हैं। ऐसा कोई सरल समाधान या आसान निर्णय नहीं है, जो संख्या को ब्रिटिश लोगों के लिए स्वीकार्य स्तर तक कम कर दे। मुझे लगता है कि यहां सिद्धांत सही है कि अगर लोग अपने परिवार के हिस्से के रूप में आश्रितों को इस देश में ला रहे हैं, तब उन्हें उनका भरण-पोषण करने में सक्षम होना चाहिए। बता दें कि 2023 में लगभग 3 लाख लोगों ने यूके में प्रवास किया था। इसके बाद गृह कार्यालय का कहना है कि इतना बड़ा आप्रवासन अब संभव नहीं होगा। सुनक सरकार ने पिछले साल पेश किए गए पैकेज के हिस्से के रूप में कई वीजा मानदंडों को सख्त किया है। अब छात्रों और देखभाल कर्मियों के लिए परिवार को यूके लाना करीब असंभव है। भारतीय लोग कुशल कार्य वीजा वाले शीर्ष प्रवासियों में शामिल हैं – 2021-22 में 13,380 भारतीय यूके माइग्रेट हुए थे जो 2022-23 में बढ़कर 21,837 हो गए यानी 63 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। मुख्य आवेदकों के साथ-साथ आश्रितों के लिए कुल वीजा का लगभग 38 प्रतिशत भारतीयों को मिला, इसके बाद 17 प्रतिशत नाइजीरियाई लोगों को मिला।
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