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संजय निरुपम ने कहा है कि नैतिकता और शुचिता का तकाजा यह कि केजरीवाल इस्तीफा दे दें

अगर आज कोई यह ट्रेंड सेट कर देगा तो’ आने वाले दिनों में बहुत खतरनाक ट्रेंड बन जाएगा…

मुम्बई । कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा इस्तीफा न दिए जाने पर सवाल उठाया है. संजय निरुपम ने कहा कि नैतिकता और शुचिता का तकाजा यह कहता है कि अरविंद केजरीवाल को तत्काल अपने पद से  इस्तीफा दे देना चाहिए.

संजय निरुपम ने कहा कि ”मुझे जानकारी मिली कि वह जेल से सरकार चलाएंगे और सीएम पद से इस्तीफा नहीं देंगे. संजय निरुपम ने कहा है कि , ”सवाल भारत की राजनीतिक परंपरा का है. अगर आज कोई यह ट्रेंड सेट कर देगा कि वो भ्रष्टाचार के आरोप के बाद भी जेल से सरकार चलाता रहेगा. तो आने वाले दिनों में बहुत खतरनाक ट्रेंड बन जाएगा. दूसरी बात, आप कहते हैं कि आप कट्टर ईमानदार हैं और ईमानदारी की किताब का पहला अध्याय नैतिकता है जो ईमानदार है उसे नैतिक होना पड़ता है. नैतिकता का तकाजा है कि उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.”

संजय निरुपम ने इसलिए लिखा केजरीवाल के लिए पोस्ट

कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने अरविंद केजरीवाल का खुलकर समर्थन किया है. लेकिन वहीं, संजय निरुपम ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा और केजरीवाल के इस्तीफे की मांग की. निरुपम ने लिखा, ”दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने जीवन के सबसे बड़े संकट से गुजर रहे हैं.

इंसानियत के नाते उनके प्रति सहानुभूति है. कांग्रेस पार्टी ने भी उन्हें सार्वजनिक रूप से समर्थन दिया है. लेकिन वे भारतीय राजनीति में नैतिकता की जो नई परिभाषा लिख रहे हैं, उसने मुझे यह पोस्ट लिखने के लिए मजबूर कर दिया.”

आडवाणी से लेकर माधवराव सिंधिया तक का किया जिक्र

उन्होंने आगे लिखा, ”एक समय था जब एक हवाला कारोबारी जैन की कथित डायरी में अडवाणी जी,माधवराव सिंधिया और कमलनाथ जैसे नेताओं के नाम आए थे और उनपर रिश्वत लेने के आरोप लगे,तब उन्होंने नैतिकता का तक़ाज़ा देकर तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. लाल बहादुर शास्त्री ने एक ट्रेन दुर्घटना पर इस्तीफ़ा दे दिया था.”

हेमंत सोरेन ने नैतिकता का दिया परिचय : संजय निरुपम

संजय निरुपम ने आगे कहा, ”अभी हाल में जब वे इंडिया अगेंस्ट करप्शन का तमाशा पूरे देश को दिखा रहे थे तब #UPA सरकार के मंत्रियों ने भ्रष्टाचार के छिछले आरोपों पर भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. कुछ महीने पहले की बात है,झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गिरफ़्तारी से पहले पद छोड़कर एक नैतिक आचरण पेश किया था.”

संजय निरुपम ने रामायण का दिया उदाहरण

निरुपम ने कहा कि ”हज़ारों साल पीछे जाएं तो अपने पिता के वचन के लिए राम ने राजपाट त्याग दिया था. जिसके लिए राजपाट छीना गया था,वह कभी भी राजा रामचंद्र के सिंहासन पर नहीं बैठा.बल्कि खड़ाऊं रखकर तब तक राज चलाया जब तक उनके बड़े भाई राम लौटे नहीं. भारत की ऐसी समृद्ध परंपरा रही है.”

ये कैसी नैतिकता है : निरुपम

संजय निरुपम ने केजरीवाल पर तंज करते हुए कहा, ”दिल्ली के शराब घोटाले की सच्चाई क्या है. इसका फ़ैसला अदालत को करना है. पर एक मुख्यमंत्री पर इस घोटाले में भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. उनकी गिरफ़्तारी हुई है. वे कस्टडी में है और मुख्यमंत्री के पद से अभी तक चिपके हुए हैं? यह कैसी नैतिकता है ? उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफ़ा देना चाहिए ।

Gaurav

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