नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को लेकर सख्त टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र के सर्वोच्च कानून अधिकारी अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा, ‘आपके गवर्नर क्या कर रहे हैं? एक मंत्री की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है और राज्यपाल कहते हैं कि मैं उन्हें शपथ नहीं दिलाऊंगा। आप राज्यपाल से कहें कि हमें अब कुछ टिप्पणियां करनी होंगी। कृपया राज्यपाल को बताएं कि हम इस पर बहुत गंभीरता से विचार करने जा रहे हैं।’बता दें कि ये मामला विधायक पोनमुडी को मंत्री के रुप में शपथ दिलाने से राज्यपाल ने इनकार कर दिया था जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।
अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणी ने कहा कि वह गवर्नर की कार्रवाई को उचित नहीं ठहरा रहे हैं और फाइल देखने एवं राज्यपाल आर.एन. रवि से बात करने के बाद जवाब देंगे। उन्होंने हैरानी जताई कि क्या गवर्नर के खिलाफ दायर एक लंबित रिट याचिका पर राज्य सरकार द्वारा दायर अंतरिम आवेदन में मांगी गई राहत दी जा सकती है। मामले को शुक्रवार को सुनवाई के लिए पोस्ट करते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘मिस्टर अटॉर्नी जनरल, हम राज्य में राज्यपाल के आचरण को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं। यह तरीका नहीं है, क्योंकि वह भारत के सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहे हैं।’
चंद्रचूड़ ने कहा, ‘गवर्नर को यह सूचित करना बेहतर होगा कि जब सुप्रीम कोर्ट ने दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है, तो कानून का पालन करना होगा। यह मामला जिस तरह से गवर्नर के स्तर पर आगे बढ़ा है, उससे हम बेहद चिंतित हैं।’ बता दें कि पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी को पिछले साल दिसंबर में आय से अधिक संपत्ति मामले में मद्रास हाई कोर्ट द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अपना पद छोड़ना पड़ा था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने उन्हें मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने के लिए राजभवन को अनुरोध भेजा।
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