इंदौर के विकास को लेकर मंत्रालय में हुई बैठक
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि इंदौर शहर के सुनियोजित विकास के लिये सभी निर्माण एजेंसियों को मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने शहर के सभी विकास कार्यों को टाइम-फ्रेम में पूरा किये जाने के भी निर्देश दिये। इस मौके पर जल-संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, मेयर इंदौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेन्द्र हार्डिया, मधु वर्मा, रमेश मेंदोला और राकेश गोलू शुक्ला भी मौजूद थे।
नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर शहर के तेजी से विकास के लिये टीडीआर काउंसिल बनाई जा सकती है। इसमें नगर निगम और नगर तथा ग्राम निवेश के अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि शहर के विकास के साथ व्यवस्थित ट्रेफिक होना भी जरूरी है। इसके लिये ट्रेफिक मैनेजमेंट प्लॉन बनाने के लिये अनुभवी कम्पनी को हायर किया जा सकता है। उन्होंने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएँ देने के साथ इंदौर शहर में स्वास्थ्य सुविधा के विस्तार के लिये संजीवनी क्लीनिक के विस्तार पर भी जोर दिया।
जल-संसाधन मंत्री सिलावट ने इंदौर स्टेडियम के उन्नयन के साथ अहिल्या देवी के जीवन पर केन्द्रित कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया। मेयर इंदौर भार्गव ने शहरी योजनाओं में भूमि अधिग्रहण के मामले में उपयोगी सुझाव दिये।
इंदौर विकास योजना-2041
बैठक में इंदौर के मास्टर प्लॉन पर भी चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि इंदौर के मास्टर प्लॉन का ड्रॉफ्ट जून-2024 तक पूरा कर लिया जायेगा। इंदौर को वर्ल्ड क्लॉस सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा। स्वच्छतम शहर की निरंतरता को रखते हुए शहर का विकास किया जायेगा। शहर के जनसंख्या संतुलन को दृष्टिगत रखते हुए महानगरीय क्षेत्र में ग्रोथ सेंटर एवं सेटेलाइट टाउन का विकास किया जायेगा।
अन्य योजनाओं पर चर्चा
बैठक में इंदौर मेट्रो पर चर्चा की गई। इंदौर मेट्रो की लागत 7 हजार 500 करोड़ रुपये है। इसे 3 फेज़ में पूरा किया जायेगा। बैठक में शहर की रिंग रोड, एलीवेटेड कॉरीडोर, हुकुमचंद मिल परिसर के रि-डेवलपमेंट विषय पर भी विचार-विमर्श किया गया।
नगर निगम इंदौर करे आय बढ़ाने के प्रयास
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर के विकास के लिये राज्य सरकार पर्याप्त राशि उपलब्ध करायेगी। उन्होंने नगर निगम की अन्य विभागों पर बकाया रकम की वसूली पर ध्यान देने को कहा। विजयवर्गीय ने कहा कि इंदौर शहर की विभिन्न एजेंसियों की सड़कों पर बोर्ड लगाकर प्रदर्शित किया जाये कि इनका संधारण किस एजेंसी द्वारा किया जा रहा है। बोर्ड में सम्पर्क अधिकारी के नाम का भी उल्लेख किया जाये।
इस व्यवस्था से नागरिकों को सुविधा होगी। प्रमुख सचिव नगरीय विकास मण्डलोई ने बताया कि इंदौर शहर के विकास के लिये केन्द्र सरकार से 1500 करोड़ रुपये की अनुदान राशि मिली है। बैठक में मौजूद जन-प्रतिनिधियों ने इसका स्वागत किया।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,20 Sep'24 Indian benchmark indices soared to new record highs for…
तेल अवीव। पेजर ब्लास्ट के एक दिन बाद ही बुधवार को वॉकी-टॉकी फट गए। इस…
रियाद। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और पीएम मोहम्मद बिन सलमान अल ने कहा कि…
वॉशिंगटन। भारतीय नागरिक अब उत्तरी बॉर्डर का रुख कर रहे हैं, जहां वे अमेरिका में…
लुसाका। पिछले कुछ समय से अफ्रीका के अनेक देश सूखा और अकाल की स्थिति से…
-रेड्डी की पार्टी ने आरोपों को किया खारिज, बयान को बताया दुर्भावनापूर्ण हैदराबाद। आंध्र प्रदेश…