-अमेरिका के स्कूली बच्चों पर की गई रिसर्च में हुआ खुलासा
वाशिंगटन। अमेरिका के स्कूली बच्चों पर की गई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि किशोरों में मानसिक परेशानियां का कारण जलवायु आपदाएं बन रही हैं। जानकारी के अनुसार डॉर्नसाइफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर एमी औचिनक्लॉस के नेतृत्व में किया गया शोध प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें 14 अमेरिकी राज्यों के 10वीं के 38,616 छात्रों पर सर्वे किया गया। दुनियाभर में सोशल मीडिया, डार्क वेब और तेजी से बदलती जीवनशैली के कारण पहले से ही तनाव झेल रहे किशोरों को जलवायु परिवर्तन ने अब एक नए संकट में डाल दिया है। एक अध्ययन के अनुसार, यह किशोरों में मानसिक परेशानियों को भी बढ़ा रहा है। डॉर्नसाइफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के एसोसिएट प्रोफेसर एमी औचिनक्लॉस के नेतृत्व में किया गया शोध प्रिवेंटिव मेडिसिन रिपोर्ट्स जर्नल में प्रकाशित हुआ है। इसमें 14 अमेरिकी राज्यों के 10वीं के 38,616 छात्रों पर सर्वे किया गया। किए गए अध्ययन के अनुसार, जिन बच्चों ने पांच साल में जलवायु आपदाओं जैसे तूफान, बाढ़, सूखा और आग का अनुभव किया है उनमें साथी बच्चों की अपेक्षा मानसिक परेशानी के 20 प्रतिशत लक्षण अधिक देखे गए हैं। किशोरों ने उदासी, निराशा, नकारात्मक भावनाएं लगातार हावी होने और कम नींद से जुड़ी हुई मानसिक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की खुलकर जानकारी दी हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों में बच्चों के बीच मानसिक रोगों का बढ़ता प्रसार, भोजन-पानी की असुरक्षा और वायु की गुणवत्ता में गिरावट शामिल है। रिसर्च के दौरान किशोर छात्रों के समूह के अंतर्गत कुछ ऐसे भी कारक मिले जो मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते थे, जैसे कि ज्यादा उम्र वाले बच्चों का कम उम्र वाले बच्चों के साथ पढ़ना, जाति, लिंग, स्कूल सुरक्षा और घरेलू आय के बारे में चिंताएं भी इसमें शामिल थीं। अध्ययन के दौरान विशेष रूप से यह तथ्य भी उभर कर सामने आया कि निम्न आय वाले समुदायों के किशोर, जो आपदाओं से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं, वह अपेक्षाकृत ज्यादा तनाव में रह रहे हैं। बच्चों को लेकर शोधकर्ताओं के अनुसार युवा मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए संसाधनों की कमी है। हालांकि यह मांग पूरा करने में पहले से ही कठिनाई हो रही है और आपदाएं बढ़ने के साथ मांग और बढ़ेगी। मनोवैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों की ओर से क्लिनिकल मैनुअल में जलवायु चिंता को आधिकारिक तौर पर मानसिक स्वास्थ्य विकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, लेकिन यह अध्ययन साबित करता है कि अब मनोवैज्ञानिकों और मनोचिकित्सकों को स्थिति पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…
संयुक्त कार्रवाई में 1814 करोड़ का MD ज़ब्त, तीन आरोपी गिरफ्तार, देश भर में नशे…