नाबार्ड प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 2,84,455 करोड रुपए ऋण संभाव्यता का आंकलन ,पिछले साल से 9.99% ज्यादा , नाबार्ड की सराहना, 19 संस्थाएं सम्मानित
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भोपाल में नाबार्ड की राज्य ऋण संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए नाबार्ड की टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की समृद्धि का संकल्प दोहराया है उसे पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि नाबार्ड, राज्य सरकार और मेहनती किसान मिलकर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। देवड़ा ने बैंकों से आग्रह किया है कि वे सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से आगे बढ़े। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023-24 के लिए नाबार्ड ने 2,58,568 करोड़ रुपए का आकलन किया था। कार्यक्रम में उल्लेखनीय कार्य के लिए 19 संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए राज्य शासन की पहल पर राष्ट्रीय ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक- नाबार्ड ने वर्ष 2024-25 के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के लिए 2,84,455 करोड रुपए ऋण संभाव्यता का आकलन किया है। यह पिछले साल की तुलना में 9.99% ज्यादा है। इससे किसानों और छोटे व लघु उद्योगों से जुड़े कामगारों और राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
संगोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त एसएन मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशक रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया रेखा चंदनावेली मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार संयोजक एसएलबीसी तरसेम सिंह जीरा उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि संभावित ऋण की 63.50 प्रतिशत राशि कृषि क्षेत्र के लिए दी जाएगी जबकि एमएसएमई सेक्टर के लिए 31.50% और शेष शिक्षा, आवास, नवकरणीय ऊर्जा जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च होगी।
मुख्य रूप से फसल उत्पादन, विपणन संधारण, जल संसाधन, कृषि मशीनीकरण, उद्यानिकी, सेरीकल्चर, वानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि अधोसरचना खाद्य एवं कृषि प्रसंस्करण, सूक्ष्म ऋण और वित्तीय समावेश जैसे क्षेत्रों के लिए दी जाएगी।
जल संसाधनों के संवर्धन और विस्तार के लिए 11,022 करोड रुपए की ऋण संभावना आँकी गई है। कृषि मशीनीकरण के लिए 15,977 करोड़, उद्यानिकी क्षेत्र के लिए 5,477 करोड़, वानिकी और जल संग्रहण क्षेत्र के विकास के लिए 676 करोड़ रूपये, पशुपालन के लिए 15,318 करोड़, मछली पालन के लिए 935 करोड़, कृषि अधोसरचना के लिए 4,405 करोड़ खाद्य एवं कृषि संस्करण के लिए 7,430 करोड़ और एमएसएमई के लिए 89,471 करोड रुपए नवकरणीय ऊर्जा के लिए 796 करोड़ रुपए की ऋण की सम्भावना आंकी गई है।
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