वॉशिंगटन । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अगले साल होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारी में रात दिन मेहनत कर रहे हैं। उनके कठिन परिश्रम का ही परिणाम है कि राष्ट्रपति पद पर नामांकन के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों में, वे सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इसी बीच अदालत के एक निर्णय ने उन्हे बड़ा झटका दे दिया है। कोलोराडो की सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी, 2021 को हुई कैपिटल हिंसा मामले में मंगलवार को ट्रंप को यह फैसला सुनाया है। उधर, डोनाल्ड ट्रम्प टीम की ओर से कहा गया है कि कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण निर्णय है और इस फैसले के खिलाफ जल्द ही अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की जाएगी।
ट्रंप टीम ने 6 जनवरी के कैपिटल हिल हिंसा मामले में कुछ भी गलत करने से इनकार किया है और 14वें संशोधन के मुकदमों को कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया है। ट्रंप के अभियान टीम की ओर से कहा गया है कि राज्य सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल कोलोराडो पर लागू होता है लेकिन ऐतिहासिक फैसला 2024 के राष्ट्रपति अभियान पर शासन करेगा।ट्रंप पर आया यह फैसला वकील समूहों और ट्रम्प विरोधी मतदाताओं की जीत है, जिन्होंने 14वें संशोधन की धारा 3 के तहत ट्रम्प की उम्मीदवारी रोकने के लिए कई समान कानूनी चुनौतियां खड़ी की थीं। अमेरिकी संविधान में यह धारा गृह युद्ध के बाद जोड़ा गया था। अदालत का यह फैसला ट्रम्प को अमेरिकी इतिहास में ऐसा पहला राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाता है, जिन्हें अमेरिकी संविधान के शायद ही कभी इस्तेमाल किए जाने वाले प्रावधानों के तहत व्हाइट हाउस के लिए अयोग्य करार दिया गया है। अमेरिकी संविधान का वह प्रावधान विद्रोह या विद्रोह में शामिल किसी भी अधिकारी को राष्ट्रपति पद संभालने से रोकता है। उन्हें अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन की धारा तीन के तहत अयोग्य करार दिया गया है।
कोलोराडो सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि अमेरिकी संविधान के प्रावधानों के मुताबिक अमेरिकी सरकार के खिलाफ कैपिटल हिल हिंसा को भड़काने में उनकी भूमिका की वजह से ट्रंप को 2024 के राष्ट्रपति पद के चुनावों में अयोग्य करार दिया जा सकता है। ट्रंप इस पद पर नामांकन के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवारों में सबसे आगे चल रहे थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले को 4 जनवरी तक लागू होने से रोक दिया है। इस वजह से ट्रंप इस फैसले के खिलाफ आगे अपील कर सकते हैं। बता दें कि मिनेसोटा और मिशिगन की अदालतों ने राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रम्प की नियुक्ति को चुनौती देने वाले समान मुकदमों को खारिज कर दिया है, लेकिन इस मुद्दे पर कई राज्यों में मुकदमा चल रहे हैं। बता दें कि कोलोराडो अमेरिका का एक राज्य है और वहां की सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है।
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