अजब-गजब

शोध में आए चौंकाने वाले आंकड़े, बाहरी वायु प्रदूषण से भारत में हर साल हो रही हैं 2.18 मिलियन मौतें

अंतर्राष्ट्रीय टीम के नेतृत्व में हुए शोध से पता चला

नई दिल्ली । हर साल 2.18 मिलियन भारतीयों की मौत ‎सिर्फ बाहरी वायु प्रदूषण से हो रही है। यह खुलासा अंतर्राष्ट्रीय टीम के नेतृत्व में हुए शोध से सामने आया है। एक नए मॉडलिंग अध्ययन के अनुसार भारत में प्रति वर्ष 2.18 मिलियन लोगों की जान वायु प्रदूषण ले लेता है। इससे जीवाश्म ईंधन के स्थान पर स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से अपनाने से संभावित रूप से बचा जा सकता है। वायु प्रदूषण के सभी स्रोतों के कारण होने वाली मौतों की संख्या, बीमारी और मृत्यु के लिए प्रमुख पर्यावरणीय स्वास्थ्य जोखिम कारक से दक्षिण और पूर्वी एशिया में सबसे अधिक और प्रति वर्ष 2.44 मिलियन मौतों के साथ चीन सबसे आगे है। अमेरिका, जर्मनी, स्पेन की एक अंतरराष्ट्रीय टीम के नेतृत्व में किए गए शोध में पाया गया कि उद्योग, बिजली उत्पादन और परिवहन में जीवाश्म ईंधन के उपयोग से होने वाले वायु प्रदूषण के कारण दुनिया भर में प्रति वर्ष 5.1 मिलियन अर्थात 61 प्रतिशत अतिरिक्त मौतें होती हैं।
शोध के अनुसार दुनिया भर में लगभग 8.3 मिलियन मौतें परिवेशी वायु में सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) और ओजोन (ओ3) के कारण हुईं, जो वायु प्रदूषण से होने वाली अधिकतम 82 प्रतिशत मौतों के बराबर है, जिन्हें मानवजनित उत्सर्जन को नियंत्रित करके रोका जा सकता है। 52 प्रतिशत मौतें इस्केमिक हृदय रोग (30 प्रतिशत), स्ट्रोक (16 प्रतिशत), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव फेफड़े की बीमारी (16 प्रतिशत) और मधुमेह (6 प्रतिशत) जैसी सामान्य स्थितियों से संबंधित हैं। लगभग 20 प्रतिशत आंशिक रूप से उच्च रक्तचाप और अल्जाइमर व पार्किंसंस रोग जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव विकारों से जुड़े होने की संभावना है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जीवाश्म ईंधन से संबंधित मौतों के ये नए अनुमान बताते हैं कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से मृत्यु दर पर पहले की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ सकता है।
अध्ययन में ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज 2019 अध्ययन, नासा उपग्रह-आधारित सूक्ष्म कण पदार्थ और जनसंख्या डेटा, और 2019 के लिए वायुमंडलीय रसायन विज्ञान, एयरोसोल और सापेक्ष जोखिम मॉडलिंग के डेटा का उपयोग किया गया। परिणामों से पता चला कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में होने वाली मौतों में सबसे बड़ी पूर्ण कमी आएगी, जो कि सालाना लगभग 3.85 मिलियन है, जो पर्यावरण के सभी मानवजनित स्रोतों से संभावित रूप से इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण से रोकी जा सकने वाली मौतों के 80-85 प्रतिशत के बराबर बताया गया है।
Gaurav

Recent Posts

इजरायल ने हमास को दिया शांति का प्रस्ताव, कहा- डील पर चर्चा से निकलेगा रास्ता

येरुशलम। एक साल से इजरायल-हमास के बीच चल रही जंग ने हजारों लोगों की जान…

4 hours ago

भारतीय सेना के शीर्ष कमांडर ने क्यों की पाकिस्तानी सैनिकों की तारीफ……गदगद हुआ पाकिस्तान

इस्लामाबाद । भारत और पाकिस्तान दोनों की ही सेनाएं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर…

5 hours ago

हिजबुल्लाह के 100 से ज्यादा रॉकेट लॉन्चर्स, 1000 रॉकेट बैरल सब इजराइल ने कर दिए बर्बाद

बेरूत। लेबनान में पिछले तीन दिनों में पेजर, वॉकी-टॉकी और फिर सोलर एनर्जी सिस्टम में…

5 hours ago

चेचन्या के लीडर कादिरोव का चौंकाने वाला दावा…..मैंने साइबरट्रक को जंग के मैदान में उतारा

कीव । चेचन्या के लीडर और वॉरलार्ड रमजान कादिरोव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है।…

5 hours ago

इजरायल का बेरुत पर हवाई हमला, हिज्बुल्लाह कमांडर अकील समेत 59 की मौत

तेल अवीव। इजरायली सेना ने शुक्रवार को बेरूत में हवाई हमला किया, जिसमें हिज्बुल्लाह के…

5 hours ago