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Hezbollah के बयान से फिलिस्तीनी शरणार्थियों को सता रहा डर ; हमास का खुलकर साथ नहीं देने से ढाई लाख लोगों का भरोसा टूटा

बेरूत। इजरायल और हमास के युद्ध के बीच अब हिजबुल्लाह के बयान से ढाई लाख फिलिस्तीनी शरणार्थियों को डर सता रहा है। हिजबुल्ला का दावा है कि वह हमास की मदद कर रहा है। जब‎कि हकीकत में ऐसा कुछ नहीं है। हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ भाषण जरूर दिए लेकिन अब तक खुलकर युद्ध का ऐलान नहीं किया है, इससे लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी हिजबुल्लाह के इस रवैये से निराश हैं। गौरतलब है कि गाजा के साथ ही इजरायल ने साउथ लेबनान के भी कई इलाकों पर बमबारी की थी। इसके बाद हिजबुल्लाह ने इसका जवाब भी दिया था। नसरुल्लाह का कहना है कि यह युद्ध जल्द खत्म होने वाला नहीं है। इधर हिजबुल्लाह सालों तक युद्ध चलने का दावा कर रहा है। वहीं बेरुत के आसपास साबरा और शातिला में रहने वाले फिलिस्तीनी शरणार्थियों को यह संदेश बहुत ही नागवार गुजर रहा है। इन शरणार्थी शिविरों में लगभग 2 लाख 50 हजार फिलिस्तीनी रहते हैं। 1948 में इजरायल बनने के बाद ये शरणार्थी लेबनान में ही रहते हैं। गाजा के अस्पतालों, स्कूलों में इजरायली हमले को देखकर लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी भी डरे हुए हैं। गौरतलब है ‎कि गाजा में अब तक 11 हजार लोग मारे जा चुके हैं, इमसें आधी संख्या बच्चों की ही हैं।

 

दरअसल लेबनान में रहने वाले फिलिस्तीनी चाहते हैं कि हिजबुल्लाह इजरायल के खिलाफ युद्ध करे। यह बात 4 नवंबर को एक भाषण के दौरान नसरुल्लाह ने कही थी कि वह हमास के साथ खुलकर उतरेगा। हिजबुल्लाह ने इजरायल में मिसाइल अटैक भी किया था जिसमें एक की जान चली गई थी। वहीं 11 नवंबर को नसरुल्लाह की स्पीच से पहले ही इजरायल ने लेबनान के गांव पर रॉकेट अटैक कर दिया। इजरायल की सेना का कहना है कि हिजबुल्लाह खुद को खत्म करने वाला कदम उठा रहा है। शिविर में रहने वाले फिलिस्तीनी हिजबुल्ला से नाराज हैं। उनको उम्मीद थी कि हिजबुल्लाह हमास का साथ देगा। इसके अलावा ईरान और ईरान समर्थित सैन्य संगठन भी इजरायल के खिलाफ पूरी ताकत झोंक देंगे। लेकिन ऐसा कुछ होता दिखाई नहीं दे रहा है। एक बार अपने भाषण में भी हिजबुल्लाह ने कहा था कि लेबनान में कई तरह की आवाजें उठ रही हैं। लेकिन वे सीमित हैं। लोगों का कहना है कि शायद नसरुल्लाह का इशारा समीर गियागिया की तरफ था जो कि लेबनीज फोर्स पार्टी के ईसाई राजनेता हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि हमास का हमला बेहद निंदनीय है और इससे लेबनान के लोग भी मुसीबत में पड़ सकते हैं। लेबनान को भी इस युद्ध में खींचने के लिए वह हिजबुल्लाह का समर्थन नहीं करेंगे। अगर ईरान में गणित बदलता है और हिजबुल्लाह इजरायल पर हमला कर देता है तो उसकी शिकस्त निश्चित है।

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