नई दिल्ली । दिवाली से पहले ही दिल्ली और एनसीआर में अति खतरनाक प्रदूषण स्तर पर के दुष्परिणाम से उत्पन्न आंखों में जलन, गले में खराश दमा और सांस जैसी अस्वस्थ्यकर लक्षणो ने तनाव बढ़ा दिया है। पर्यावरण विशषज्ञों के मुताबिक, प्रदूषण से निपटने के लिए सरकारी उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं।
दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद समेत एनसीआर के सभी इलाकों में सुबह के समय आसमान में धुंध और स्मॉग की चादर है। जिससे सड़कों पर विजिबिलिटी काफी कम है। मौसम विभाग के मुताबिक, फिलहाल बारिश नहीं होने के आसार से प्रदूषण राहत की उम्मीद नजर नहीं आती। नई दिल्ली के अशोक विहार इलाके में रात करीब 1 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक स्तर 999 दर्ज किया गया।
आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में भयावह प्रदूषण स्थिति को आपातकाल की तरह समझकर सरकार को तत्काल कारगर कदम उठाने होंगे । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 5 नवंबर को सुबह 7 बजे 400 के पार दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी में आता है। बता दें कि शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई ‘गंभीर’ माना जाता है।
प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए सरकार की ओर से कई एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं लेकिन प्रदूषण की स्थिति में सुधार होता दिखाई नहीं दे रहा है। दरअसल, पवन की मंथर गति और अधिक नमी के कारण प्रदूषणस्तर बढ़ रहा है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण से अभी राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है।
मौसम केन्द्र के मुताबिक, दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से शुष्क मौसम की स्थिति देखी जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी में न्यूनतम तापमान 17 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।