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भारत और श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस की हुई शुरुआत

नई दिल्ली। भारत के नागपत्तिनम से श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस (नौका सेवा) की आज शुरुआत हुई। प्रधानमंत्री मोदी इस कार्यक्रम में वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। उन्होंने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी, व्यापार को गति मिलेगी और लंबे समय से कायम रिश्ते मजबूत होंगे। पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की हाल की यात्रा के दौरान उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी के लिए एक दृष्टि पत्र संयुक्त रूप से स्वीकार किया था। उन्होंने कहा, ‘कनेक्टिविटी इस साझेदारी की मुख्य थीम है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘महान कवि सुब्रमण्यम भारती ने अपने गीत ‘सिंधु नधियिन मिसाईमें हमारे दोनों देशों (भारत और श्रीलंका) को जोड़ने वाले एक पुल के बारे में बात की थी। यह नौका सेवा उन सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत बनाती है।’ केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने

कनेक्टिविटी बढ़ेगी, व्यापार को गति मिलेगी
उन्होंने कहा, ‘कनेक्टिविटी के लिए हमारी दूरदृष्टि परिवहन क्षेत्र से आगे की है। भारत और श्रीलंका फिनटेक और ऊर्जा जैसे व्यापक क्षेत्रों में करीबी सहयोग करते हैं।’ मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी, व्यापार को गति मिलेगी और लंबे समय से कायम रिश्ते मजबूत होंगे।
कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और श्रीलंका ‘‘कूटनीतिक और आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय’’ शुरू कर रहे हैं और नागपत्तिनम तथा कांकेसनथुरई के बीच नौका सेवा की शुरुआत रिश्तों को मजबूत बनाने की दिशा में एक ‘‘महत्वपूर्ण उपलब्धि’’ है। उन्होंने कहा कि यह नौका सेवा उन सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को जीवंत बनाती है। पीएम मोदी ने साल 2015 की श्रीलंका की अपनी यात्रा को भी याद किया, जब दिल्ली और कोलंबो के बीच सीधी विमान सेवा की शुरुआत की गई थी। बाद में उन्होंने कहा कि श्रीलंका से कुशीनगर तक पहले अंतरराष्ट्रीय विमान के पहुंचने का भी जश्न मनाया गया था। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि चेन्नई और जाफना के बीच सीधी विमान सेवा 2019 में शुरू हुई थी और अब नागपत्तिनम तथा कांकेसनथुरई के बीच नौका सेवा कनेक्टिविटी बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है।
कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है फेरी सर्विस
भारत और श्रीलंका के बीच भौगोलिक निकटता को देखते हुए फेरी सर्विस पारंपरिक रूप से दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही हैं। इससे सदियों से व्यापार और वस्तुओं की आवाजाही में सुविधा होती रही है। सुरक्षा कारणों से 1980 के दशक में भारत और श्रीलंका के बीच फेरी सर्विस सस्पेंड कर दी गई थीं। इसके बाद, मई 2011 में तूतीकोरिन (तमिलनाडु) और कोलंबो (श्रीलंका) के बीच नौका सेवाएं शुरू की गईं। हालांकि, नवंबर 2011 में सेवा को लंबी यात्रा के समय के कारण सस्पेंड कर दिया गया था ।
नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच फेरी सर्विस
जुलाई 2023 में श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान बनी सहमति के अनुसार, तमिलनाडु में नागपट्टिनम बंदरगाह और श्रीलंका में कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवाएं शुरू करने का निर्णय लिया गया।
नागापट्टिनम कांकेसंथुराई से 60 एनएम (लगभग 110 किमी) उत्तर में है और यह दूरी लगभग 3-4 घंटे में तय की जा सकती है।
तमिलनाडु मैरीटाइम बोर्ड (टीएमबी) के अनुरोध पर, विदेश मंत्रालय ने नागपट्टिनम बंदरगाह के उन्नयन के लिए 8 करोड़ रुपये मंजूर किए थे।
इस कार्य में चैनल की ड्रेजिंग, पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग और एप्रोच रोड का नवीनीकरण शामिल है।
विदेश मंत्रालय और एमओपीएसडब्ल्यू ने शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) से नागपट्टिनम और कांकेसंथुराई के बीच नौका सेवा संचालित करने का अनुरोध किया ।
एससीआई ने सेवाओं के लिए 150 व्यक्तियों की यात्री क्षमता वाला वेसल चेरियापानी का इंतजा किया।
फेरी सेवा 14 अक्टूबर 2023 को शुरू की गई है और यह तमिलनाडु और श्रीलंकाई तट पर उत्तर पूर्वी मानसून आने से पहले 23 अक्टूबर 2023 तक जारी रहेगी
जनवरी 2024 में बरसात के बाद या अच्छे मौसम के दौरान नौका सेवाएं फिर से शुरू हो जाएंगी
फेरी सर्विस के लाभ
यात्रा और पर्यटन के लिए दक्षिणी भारत और श्रीलंका के उत्तरी भाग के बीच कनेक्टिविटी बढ़ेगी
तूतीकोरिन और कोलंबो के बीच पहले की फेरी सर्विस की तुलना में 3-4 घंटे की कम यात्रा समय और कम किराया।
हवाई मार्ग से चेन्नई-जाफना सेक्टर पर 15 किलोग्राम की तुलना में 50 किलोग्राम का अधिक सामान भत्ता।
बड़े सामान (50 किग्रा) ले जाने वाले यात्री कोलंबो तक हवाई मार्ग से लंबी यात्रा करने के बाद श्रीलंका के उत्तरी भाग तक 8-10 घंटे की कठिन सड़क यात्रा करने के बजाय आसानी से 3-4 घंटों में श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी हिस्से की यात्रा कर सकते हैं।
भारत आने वाले तीर्थयात्री आसानी से मंदिर (थिरुनल्लर, रामेश्वरम, मदुरारी और तंजौर में सनीश्वरम मंदिर), चर्च (वेलानकन्नी) और मस्जिद (नागोर) की यात्रा कर सकते हैं।
तीर्थयात्री भारत में विभिन्न बौद्ध स्थलों तक सड़क/ट्रेन से यात्रा कर सकते हैं।
भारतीय पर्यटक श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी हिस्से में तीर्थ और पर्यटक स्थलों की यात्रा भी आसानी से कर सकते हैं।
कार्गो सेवाओं के माध्यम से दो देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य को सुविधा मिलेगी।
Gaurav

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