नई दिल्ली। पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की मांग को लेकर 20 राज्यों के कर्मचारियों नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर जोरदार प्रदर्शन किया। कर्मचारियों की भारी तादाद को देखकर मोदी सरकार भी हिल गयी है। कर्मचारियों के प्रदर्शन ने मोदी सरकार को सोचने पर मजबूर कर दिया है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तत्वाधान में कर्मचारियों ने केन्द्र के समक्ष अपनी मांग उठाने के लिये एक रैली का आयोजन किया।
पेंशन शंखनाद महारैली का आयोजन मौजूदा राष्ट्रीय पेंशन योजना के बजाय पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिये केन्द्र पर दबाव बनाने के उद्देश्य से किया गया है। रैली के आयोजकों ने मीडियाकर्मियों से कहा कि 4 राज्य पहले ही ओपीएस लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। तो केन्द्र इसे लागू क्यों नहीं कर सकता। केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन पर निर्णायक लड़ाई की तरफ बढ़ने लगे हैं। केंद्रीय कर्मियों की दो विशाल रैलियों के बाद अब तीन नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में ही तीसरी बड़ी रैली होने जा रही है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाइज एंड वर्कर्स के बैनर तले होने वाली इस रैली में ऑल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट एम्प्लाइज फेडरेशन सहित कई दूसरे कई संगठन हिस्सा लेंगे।
रैली में केंद्र सरकार के समक्ष सात मांगें रखी जाएंगी। इनमें पहली मांग ‘एनपीएस’ की समाप्ति और ‘पुरानी पेंशन’ व्यवस्था को बहाल कराना है। इसके अलावा केंद्र सरकार में रिक्त पदों को नियमित भर्ती के जरिए भरना, निजीकरण पर रोक, आठवें वेतन आयोग का गठन और कोरोनाकाल में रोके गए 18 महीने के डीए का एरियर जारी करना, ये बातें भी कर्मचारियों की मुख्य मांगों में शामिल हैं।