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क्या जीवन के रहस्य का खुलेगा राज? 53 करोड़ साल पुराने प्राणी के मांसपेशियों का मिला टिशू, वैज्ञानिकों ने किए कई खुलासे

नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने एक अ‎तिप्राचीन ‎टिशू खोजा है जो ‎कि 53 करोड़ साल से भी पुराना बताया जा रहा है। ‎मिली जानकारी के अनुसार ‘असाधारण’ माइक्रोफॉसिल्स का एक सेट खोजा है जो 53.5 करोड़ साल पहले रहने वाले प्राणी के मांसपेशियों के टिशू को संरक्षित करता है। ये जीवाश्म चीन के दक्षिणी शानक्सी प्रांत में कुआंचुआनपु भूवैज्ञानिक संरचना से बरामद किए गए थे।चीन में यह भूवैज्ञानिक संरचना जीवाश्मों से समृद्ध है जिसने पृथ्वी के इतिहास के उस काल पर प्रकाश डालने में मदद की है जिसे कैंब्रियन विस्फोट के रूप में जाना जाता है, जो लगभग 54 करोड़ साल पहले शुरू हुआ था। कैंब्रियन काल लगभग 53.9 से 48.5 करोड़ वर्ष पूर्व माना जाता है। कैंब्रियन काल के आरंभ में जो विस्फोट हुआ उसे कैंब्रियन विस्फोट कहा जाता है। इस विस्फोट की विशेषता कई करोड़ों वर्षों के दौरान जीवों का एक अद्वितीय उद्भव था। जिसमें आज हम जिन प्रमुख पशु समूहों को जानते हैं उनमें से अधिकांश की पहली उपस्थिति भी शामिल है। लेटेस्ट रिसर्च में पाए गए सूक्ष्म जीवाश्म कैंब्रियन काल के शुरुआती भाग के हैं। जिसे फॉर्च्यूनियन युग के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा ‎कि यह बिल्कुल स्पष्ट नहीं है कि जीवाश्म किस जानवर के हैं। हालांकि शोधकर्ताओं ने प्रस्तावित किया है कि संरक्षित मांसपेशी के टिशू एक पशु समूह से है जिसे साइक्लोनुरलियन्स के रूप में जाना जाता है।

इन साइक्लोनुरालिन्स के बीच संरक्षित मांसपेशी या तंत्रिका ऊतक ढूंढना एक नई खोज है और इसके बारे में पहले कभी नहीं सुना गया है। यह खोज महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शुरुआती जानवरों की मांसलता प्रणालियों पर प्रकाश डालेगी। ऐसी विशेषताएं जो आमतौर पर जीवाश्म रिकॉर्ड में संरक्षित नहीं हैं लेकिन शुरुआती जानवरों के व्यवहार को समझने में महत्वपूर्ण हैं। वर्जीनिया टेक यूनिवर्सिटी में भूविज्ञान विभाग के एक शोधकर्ता और अध्ययन के लेखक शुहाई जिओ ने बताया कि ‘ऐसे जीवाश्म बेहद दुर्लभ हैं, वस्तुतः भूसे के ढेर में एक सुई खेजने जैसा है। साइक्लोनुरलियन समूह में राउंडवॉर्म और मड ड्रेगन जैसे जानवर शामिल हैं जिनका शरीर कृमि जैसा होता है। समूह पहली बार कैंब्रियन काल की शुरुआत में जीवाश्म रिकॉर्ड में दिखाई देता है, और आज कई प्रजातियां जीवित हैं।
नए रिसर्च में शोधकर्ताओं ने तीन जीवाश्म नमूनों का वर्णन किया है, जो केवल कुछ मिलीमीटर के हैं। जो कहते हैं कि वे शरीर के एक हिस्से से संरक्षित साइक्लोनुरलियन मांसपेशी टीशू का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसे प्रोबोसिस के रूप में जाना जाता है। नमूनों में से एक बेहतर संरक्षित है, जिसमें परस्पर जुड़ी संरचनाओं के साथ क्रमिक रूप से पांच बड़े छल्ले शामिल हैं। जिसे शोधकर्ताओं ने संरक्षित सूंड मांसपेशी टीशू का प्रतिनिधित्व करने के लिए व्याख्या की है। हालां‎कि शोधकर्ताओं के अनुसार, यह स्पष्ट नहीं है कि मांसपेशियों के टिशू को मेजबान जानवर से अलग करके क्यों संरक्षित किया गया है।

Gaurav

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