उज्जैन । उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर का गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए फिलहाल बंद ही रहेगा। शनिवार को हुई महाकाल मंदिर समिति की बैठक में गर्भगृह खोलने पर कोई विचार नहीं हुआ। कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने कहा कि हर दिन दो लाख लोगों को दर्शन कराना संभव नहीं है। 4 जुलाई 2023 से ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए बंद है। हालांकि, वीवीआईपी भक्तों के लिए इसे खुला रखा गया है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में कलेक्टर व मंदिर समिति के अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में महाकाल लोक कंट्रोल में हुई। इसमें विस्तारीकरण योजना के तहत शेष रहे कार्य को प्राथमिकता से पूर्ण कराने और गेट नंबर पांच के मार्ग को स्मार्ट रोड़ बनाने को लेकर भी चर्चा हुई।
एक घंटे में 200 लोग कर सकते हैं दर्शन
कलेक्टर ने कहा कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रोक लगाने का कोई आशय नहीं है। दिक्कत यह है कि जब भी आप गर्भगृह में प्रवेश देते है तो एक घंटे में 200 लोग दर्शन कर सकते है। दस घंटे प्रवेश दिया तो 2 हजार लोग आ सकते है। प्रतिदिन दो लाख लोग आते है तो एक लाख 98 हजार लोग दर्शन कहां से करेंगे। गर्भगृह में लोगों के मौजूद होने से सामने से दर्शन के लिए आने वाले वाले श्रद्धालुओं को दिखना बंद हो जाता है। चुनौती यह है कि दो लाख लोगों को कैसे एडजस्ट कर पाएंगे। हम दो हजार लोगों की सुविधा के लिए 1 लाख 98 हजार को मना नहीं कर सकते हैं। इसलिए सीमित संख्या में प्रवेश देने पर विचार होगा। इसके अलावा स्थानीय लोगों को एक दिन भस्म आरती में नि:शुल्क अनुमति देने का निर्णय पहले ही हो चुका है, इस व्यवस्था को तत्काल शुरू किया जाएगा।
4 महीने से प्रवेश बंद
श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास प्रारंभ होने के पहले प्रबंध समिति की बैठक में निर्णय लिया था कि 4 जुलाई से 11 सितंबर तक श्रावण माह के दौरान गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि दो महीने के दौरान करोड़ों श्रद्धालु महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे थे। गर्भगृह में प्रवेश बंद होने से बाहरी श्रद्धालुओं को बेरिकेट्स से सहजता के साथ दर्शन हुए हैं। सावन-भादो माह के बाद भी श्रद्धालु लगातार मंदिर आ रहे हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान भी शनिवार से सोमवार तक लाखों श्रद्धालु पहुंच रहे है। ऐसे में गर्भगृह में भीड़ नहीं होने से दूर से ही दर्शनार्थी भगवान के अच्छे से दर्शन कर रहे हैं। यही कारण है कि लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए प्रशासन गर्भगृह में प्रवेश देने के संबंध में निर्णय नहीं ले रहा है।