नई दिल्ली । मूल संरचना सिद्धांत उत्तरी सितारे की तरह है, जो संविधान की व्याख्या करने वालों का मार्गदर्शन करता है और जब आगे का रास्ता जटिल होता है तो जजों की सहायता के लिए आता है। यह कथन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को राम जेठमलानी जन्मशताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित एक व्याख्यान में दिया । क्या बुनियादी संरचना सिद्धांत ने देश की अच्छी सेवा की है विषय पर केन्द्रित व्याख्यानमाला में न्यायाधीश ने कहा कि आज का विषय बुनियादी संरचना सिद्धांत का है। मैं भले ही जेठमलानी की बहुत प्रशंसा करता हूं, लेकिन बुनियादी संरचना सिद्धांत पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। अगर मुझे इस सिद्धांत के बारे में कुछ करना है तो इसे अपने फैसले के जरिए करना होगा, न कि अदालत से बाहर की घोषणा के जरिए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे सीजेआई ने कहा कि एक बात जो मैं राम जेठमलानी के साथ साझा नहीं करना चाहूंगा वह है- विवादों को जन्म देने की उनकी क्षमता। मेरा लक्ष्य अदालतों को संस्थागत बनाना है इसलिए मैंने सोचा, अगर मुझे इस सिद्धांत के बारे में कुछ करना है तो मुझे इसे अपने निर्णयों के माध्यम से करना चाहिए। इस वर्ष जनवरी में बुनियादी संरचना सिद्धांत के 50 वर्ष पूरे हो गये हैं सीजेआई ने आगे कहा, कि राम जेठमलानी ने सुप्रीम कोर्ट के बारे में कुछ अलग बात करने की अनुमति ली थी, जिसके बारे में आम जनता को जानकारी नहीं थी.
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि मैं आपको सुप्रीम कोर्ट के बारे में कुछ बताऊंगा जिसके बारे में आप नहीं जानते। आप इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, सोशल मीडिया में सुप्रीम कोर्ट के बारे में पढ़ते हैं, वे हर रोज निश्चित रूप से कानून की रिपोर्टस में हमें ट्रोल कर रहे हैं । सीजेआई ने बताया कि मैंने जब भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला, तब महामारी कम होने लगी थी। मुझे पता था कि मैं कितनी बड़ी जिम्मेदारी निभा रहा हूं। महामारी के कारण पेंडिंग केसों की संख्या बढ़ गई थी। हममें से अधिकांश ने किसी प्रियजन को खो दिया था। महामारी ने ना सिर्फ दुनिया को ठप कर दिया था, बल्कि भावनात्मक घाव भी छोड़े हैं जिनसे हम अभी तक उबर नहीं पाए हैं। जबकि मैं जानता था कि मुझे मामलों को त्वरित निपटाने में प्राथमिकता देनी होगी। मैं यह भी जानता था कि मुझे वकीलों और रजिस्ट्री अधिकारियों को शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक काम करने के लिए मजबूर न करके उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी। वे जस्टिस डिलीवरी सिस्टम के पोस्टर पर्सन नहीं हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से हर रोज आगे काम बढ़ाने में सबसे आगे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि उनके प्रयासों को स्वीकार किया जाए।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,24 Nov'24 Union Finance Minister Nirmala Sitharaman has underscored the importance…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…