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G-20 की कामयाबी से होगी भारत की दुनिया के ताकतवर देशों की लिस्ट में एंट्री

भारत पहली बार दुनिया के सबसे शक्तिशाली संगठन के महासम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. चीन समेत कई देशों पर मंदी का साया है. ऐसे में सबकी निगाह भारत पर टिकी है. किस तरह ये आयोजन देश को बिग पॉवर्स लीग में एंट्री देगा और ये इवेंट भारत के लिए क्यों महत्वूपर्ण है.जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत वैश्विक नेताओं के साथ दुनिया की समस्याओं पर महामंथन करने लिए तैयार है. दिल्ली सज चुकी है. अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच 140 करोड़ भारतवासी वसुधैव कुटुंबकम की थीम और अतिथि देवो भव की भावना से विदेशी मेहमानों का स्वागत करने के लिए बेकरार हैं. यह शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान में खास तौर से बनाए गए भारत मंडपम में आयोजित हो रहा है जहां दुनिया भर के नेता और उनके साथ आया डेलिगेशन सशक्त भारत की ताकत और विजन को देखेंगे.

बिग पॉवर्स लीग में एंट्री की सीढ़ी
G-20 ऐसे देशों का समूह है, जो दुनिया पर बड़ा आर्थिक प्रभाव डालते हैं. यह दुनिया का सबसे शक्तिशाली संगठन भी माना जाता है. इस बार यह G-20 देशों का 18वां सम्मेलन है, जिसके चेयरमैन पीएम मोदी (PM Modi) हैं. ये आयोजन भारत के लिहाज से काफी अहम है. पहली बार दुनिया की सारी मुख्य ताकतें भारतीय मेजबानी में एक टेबल पर जमा होंगी. ये भारत की मेजबानी प्रतिभा की भी परीक्षा है क्योंकि इसे भारत की बिग पॉवर्स लीग में एंट्री की सीढ़ी भी माना जा रहा है. इस वजह से भी मोदी सरकार ने इसकी तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी है. महामंडपम के उद्घाटन के मौके पर G-20 सिक्का और G-20 स्टैंप जारी हो चुका है. भारत मंडपम जहां ये आयोजन हो रहा है, वो दुनिया के बड़े सेंटरों को टक्कर दे रहा है.
विकसित देश बनने की ओर अग्रसर भारत
भारत इस बैठक के आयोजन के साथ ही, दुनिया को ये दिखा रहा है कि जितनी तेजी से भारत की इकॉनमी आगे बढ़ रही है. उस हिसाब से भारत विश्व के विकसित देशों के क्लब में जल्द ही शामिल हो सकता है. वहीं भारत इस आयोजन के जरिए खुद को एक सॉफ्ट पावर के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहा है. दुनिया पर मंदी का साया है. कोरोना के बाद वैश्विक व्यापार प्रभावित है. चीन का बुरा हाल है. कई देशों की हालत खस्ता है. पाकिस्तान डूबने के कगार पर है. रूस-यूक्रेन में युद्ध चल रहा है, जिसका दुनिया पर बुरा असर पड़ा है. महंगाई चरम पर है. विकसित देशों में भी नौकरियों का संकट है. वहां भी महंगाई बड़ा मुद्दा है. खाद्य असुरक्षा की स्थिति है. सप्लाई चैन टूटने का खतरा है. ऐसे मुश्किल हालातों में पूरी दुनिया भारत की ओर आशाभरी निगाहों से देख रही है. दरअसल भारत ने कोरोना काल में जिस तरह कारगर वैक्सीन बनाकर और दवाओं समेत उसे बांटकर अपनी क्षमता का परिचय करा दिया है. इसी तरह रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने में भी बड़े-बड़े देश भारत को सक्षम मानते हैं.
सम्मेलन में शामिल हो रहे ये दिग्गज
G-20 सम्मेलन में करीब 10 हजार विदेशी मेहमानों के आने का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा विदेशी मेहमानों में राष्ट्राध्यक्षों के अलावा, उन देशों के बड़े बिजनेस कारोबारी, वैज्ञानिक, एक्सपर्ट्स और दुनियाभर के पत्रकार भारत आ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन, UK के PM ऋषि सुनक, कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो, ऑस्ट्रेलिया के PM एंथनी अल्बानीज और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शामिल के साथ अन्य कई देशों के प्रमुख शामिल हो रहे हैं. कई अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी भारत आ रहे हैं. इसके साथ ही वहीं यूएन, आईएमएफ, डब्लूएचओ के प्रमुखों को भी इस सम्मेलन में बुलाया गया है.
आयोजन जिसे याद रखेगी दुनिया
भारत ने इस सम्मेलन के लिए तीन मुख्य बातों सुरक्षा, सुंदरता और स्वाद पर फोकस किया है. इस सिलसिले में एक ओर दिल्ली की सड़कों को सजाया गया है. सड़कों से लेकर उन सभी जगहों को कड़े सुरक्षा घेरे में रखा गया है, जहां विदेशी मेहमान ठहरने वाले हैं. इस बीच मेहमानों को परोसे जाने वाले भोजन की बात करें तो समिट के दौरान शुद्ध शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा. मेहमानों के प्लेट में भारत के हर कोने का टेस्ट परोसा जाएगा. G20 समिट में मेहमानों के लिए वंयजन तैयार करने का जिम्मा ITC को दिया गया है.
Gaurav

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