आधुनिक चाणक्य, सफल उद्यमी और बॉलीवुड में भी रसूख, ऐसे थे राज्यसभा सांसद अमर सिंह

नई दिल्ली, 01 अगस्त। अमर सिंह को राजनीति मे चाणक्य कहा जाता रहा तो बॉलीवुड में भी उनकी अंदरूनी पैठ थी। इसके साथ ही वह चतुर और सफल उद्यमी भी थे, और देश भर के बिजनेस टायकून्स के बीच भी उनके नेटवर्क फैला हुआ था। समाजवादी पार्टी में सियासत करते उन्होंने कई मौकों पर साबित किया कि उनके पास चाणक्य बुद्ध है, जिसके दम पर वह कई बार सपा के संकटमोचक बने। जया बच्चन को राजनीति में लांच किया, लेकिन पार्टी से निष्कासन के बाद बच्चन परिवार से इनके संबंधों की खाई इतनी बढ़ी कि अंतिम समय तक कायम रही। हालांकि अंतिम शैया पर लेटे हुए अमर सिंह ने अमिताभ से माफी भी मांग ली थी। यह भी सच है कि अमिताभ बच्चन कभी भी इस बात को भुला नहीं पाएंगे कि उनके दुर्दिनौं में वह अमर सिंह ही थे जो उनके साथ बने रहे।

तत्कालीन रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव से 1996 में फ्लाइट के दौरान अमर सिंह की मुलाकात हुई थी। नेता जी से उद्योगपति अमर सिंह की इस मुलाकात के बाद उन्होंने सियासत की संकरी गलियों में कदम रख दिया था। मुलायम सिंह ने अमर सिंह को सपा का महासचिव बना दिया। इसी पार्टी में रहते वह राज्य सभा पहुंचे। मुलायाम सिंह के पारिवारिक विवाद में अमर सिंह ने नेता जी को शाहजहां और उनके बेटे तत्कालीन CM अखिलेश को औरंगजेब की उपमा से नवाज़ा। आखिरकार समाजवादी पार्टी से उनका नाता टूट गया। उनको पार्टी से निकाले जाने में धुर विरोधी आज़म खान और मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव की ख़ास भूमिका बाताई गई। हालांकि खुद नेता जी ने भी अमर सिंह को 2010 में पार्टी से निकाला था। इसके बाद अमर सिहं ने सियासत से एक ब्रैक लिया, लेकिन 2016 में इन्हें नेताजी ने फिर समाजवादी पार्टी में बुला लिया। अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोकमंच नाम से पार्टी भी बनाई और प्रदेश में चुनाव भी लड़ा। लेकिन पार्टी को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली।

परिवारों का विभाजन, ठीकरे फूटे अमर सिंह के सिर  

मुलायम सिंह कुनबे में फूट

अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच 2016 में पार्टी पर वर्चस्व के लिए खींचतान चली। इसके लिए अखिलेश के दूसरे चाचा रामगोपाल यादव ने एक ‘बाहरी आदमी’ जिम्मेदार बताया, और बाद में पार्टी में इसके लिए खुलकर अमर सिंह काम चला। नेताजी मुलायम सिंह चाचा-भतीजे के संघर्ष से दूर रहे, उनका दखल न रहने से अमर सिंह को फिर से पार्टी से निकाल दिया गया।

अंबानी बंधुओं का बंटवारा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के संस्थापक धीरूभाई अंबानी का 2002 में निधन हो गया। इंडस्ट्री के बंटवारे पर मुकेश और अनिल अंबानी के बीच विवाद छिड़ गया। अनिल अंबानी ने इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मदद की अपील की थी। हालांकि विवाद की जड़ निधन से पहले धीरुभाई अंबानी की वसीयत नहीं लिखी जाना रहा, लेकिन भाई-भाई को अलग करने का ठीकरा फिर अमर सिंह के सिर ही फोड़ा गया। दरअसल उस वक्त 80 हजार करोड़ टर्नओवर वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के अनिल अंबानी अपने मित्र अमर सिंह के कारण तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के भी करीबी हो गए थे, और बड़े भाई मुकेश को यह पसंद नहीं आ रहा था। मुकेश की छोटे भाई अनिल से इस वजह से नाराज़गी भी बढ़ती गई, नतीजतन रिश्तों में दरार खाई बन गई। अनिल अंबानी को समाजवादी पार्टी ने अमर सिंह की वजह से राज्य सभा की सीट भी ऑफर की थी, अनिल ने हालांकि इसे स्वीकार नहीं किया था।

gudakesh.tomar@gmail.com

Recent Posts

India’s Trade Deficit Reaches 10-Month High at $29.65 Bn

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,19 Sep'24 India’s economy continues to demonstrate robust growth and resilience,…

13 hours ago

हमास को छोड़िए…..अब हिजबुल्ला को खत्म करने में जुटा इजरायल

तेहरान। इजरायल और हिजबुल्ला के बीच की जंग लगातार तेज होती जा रही है। इजरायली…

16 hours ago

गाजा में इजरायली हमलों में लगभग 42 हजार की मौत 34,344 लोगों की हुई पहचान

रामल्लाह। गाजा में इजरायली हमलों में लगभग 42 957 लोगों की मौत हुई है जिसमें…

16 hours ago

इजरायल में आधी रात को अचानक बजने लगे मोबाइल, साइबर अटैक की आशंका

तेलअवीव। लेबनान का आतंकी संगठन हिजबुल्लाह पेजर और वॉकी-टॉकी अटैक से बेहाल है। उसने आरोप…

16 hours ago

FBI का बड़ा खुलासा: ईरानी हैकर्स ने ट्रंप की सीक्रेट फाइल्स चुराकर बाइडेन की टीम को दी

वाॅशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बयान में कहा है कि जुलाई महीने…

16 hours ago

अमेरिका में राष्ट्रपति कोई भी बने,एलन मस्क की रहेगी बल्ले-बल्ले

वाशिंगटन। टेस्ला, स्पेसएक्स और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क को नेताओं का…

16 hours ago