अजब-गजब

Gwalior आसमान से गिरे रहस्यमयी गोले, ग्रामीणों में दहशत, एक्सपर्ट बोले- सैटेलाइट की हाइड्राज‍िन सेल के पार्ट

ग्वालियर। ग्वालियर के भितरवार इलाके में आसमान से रहस्यमयी गोले खेतों में गिरे। एक के बाद एक 10 किलोमीटर के दायरे में स्थित छह गांव में एक के बाद एक धातु के छह गोले गिरने से दहशत फैल गई। दस से पन्द्रह मिनट के अंतराल से जब गोले गिरे तो बम गिरने की अफवाह भी फैल गई।

जांच के बाद राहत की सांस

 

आनन-फानन में ग्वालियर से पुलिस अधिकारी, बम डिस्पोजल स्कवाड और स्निफर डाग यहां पहुंचे। बम डिस्पोजल स्कवाड ने जब जांच की तब सामने आया कि यह विस्फोटक नहीं है, इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली। फिर भारतीय वायुसेना के महाराजपुरा स्थित एयरफोर्स स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारी, खगोलशास्त्री और वैज्ञानिकों से पुलिस ने संपर्क किया। इन्हें फोटो, वीडियो साझा किए गए।

 

सैटेलाइट, मिसाइल की हाइड्रोज़न सेल में लगने वाले हिस्से

 

एक्सपर्ट ने पुलिस को बताया- यह बम नहीं, बल्कि सैटेलाइट, मिसाइल की हाइड्राजिन सेल में लगने वाले हिस्से हैं। इनके माध्यम से फ्यूल सप्लाय होता है। जब यह काम नहीं करते तो कई बार सैटेलाइट के फ्यूल टैंक वाले पार्ट से अलग हो जाते हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। यह किसी सैटेलाइट, मिसाइल का मलबा ही हैं

 

जांच एक्सपर्ट एजेंसी से भी करवाई जाएगी

 

फिलहाल पुलिस अधिकारियों ने इसे अपनी अभिरक्षा में सुरक्षित रख लिया है। इनकी जांच एक्सपर्ट एजेंसी से भी करवाई जाएगी।

 

भितरवार और शिवपुरी के गांवों में गिरे गोले

 

ग्वालियर से करीब 70 किलोमीटर दूर भितरवार के ग्राम जौरा, सिल्हा, किठोंदा, साकनी, मस्तूरा और बनियानी गांव में दोपहर करीब 12.55 बजे से आसमास से रहस्यमयी धातु के गोले गिरना शुरू हुए। इसकी शुरुआत जौरा गांव से हुई। इसके बाद एक के बाद एक कुछ समय के अंतराल से अन्य गांव में भी गोले गिरे। गोले गिरते ही लोगों में दहशत फैल गई। यहां लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पुलिस को सूचना दी।

 

अधिकारी मौके पर पहुंचे

सूचना मिलते ही भितरवार एसडीएम देवकीनंदन सिंह, एसडीओपी जितेंद्र नगाइच, थाना प्रभारी धवल सिंह चौहान, बीडीएस प्रभारी अजय पाराशर स्निफर डाग के साथ यहां पहुंच गए। गांव में जहां-जहां गोले गिरे, वहां की मिट्टी के सैंपल लिए गए। फिर गोलों की जांच बीडीएस द्वारा की गई, इसमें सामने आया कि इसमें विस्फोटक नहीं है। यह लोहे, कांसा सहित अन्य धातु के मिश्रण से बने गोले ही हैं। फिर इन गोलाें को जब्त किया गया। जब वायुसेना के अधिकारी व अन्य एक्सपर्ट से पुलिस अधिकारियों ने चर्चा की तो यह सैटेलाइट की हाइड्राजिन सेल के हिस्से बताये गए हैं।

 

दो फीट गहरा गड्ढा किया और 15 मिनट तक घूमता ही रह

सबसे पहले जौरा गांव के रहने वाले कृषक मुरारी जाटव के धान के खेत में धातु का गोला आसमान से आकर गिरा। वह उस समय खेत से थोड़ी दूरी पर ही थे। खेत में ही पूरन आदिवासी काम कर रहा था और यहां से रामलखन धानुक गुजर रहा था। इन लोगों ने यह घटना देखी। इनका कहना था- जैसे ही गोला गिरा तो धमाका हुआ। यह काफी वजनी था। नीचे गिरते ही जमीन में करीब 2 फीट गहरा गड़ढा हो गया और यह अपनी जगह पर करीब पन्द्रह मिनट तक चकरी की तरह ही घुमता रहा। इन लोगों ने बताया कि एक पल को लगा था किसी ने बम फेंका है, इसलिए डर गए और पुलिस को सूचना दी।

वही किठोदा गांव के किसान देवेंद्र सिंह जाट पुत्र बदन सिंह जाट के खेतों में भी इसी प्रकार गोलाकार वास्तु गिरी जहां के दहशत में दिखाई दिए। यहां लोगों की भीड़ लगी रही। सिल्हा गांव के निवासी किसान रामदास बाथम के खेत में भी इसी प्रकार का एक गोला आकर गिरा है। बनियानी में बृजमोहन सिंह रावत के खेत के समीप पड़े शासकीय भूखंड पर भी गोला गिरा। सांखनी और बसई मार्ग पर पड़ने वाले सरदारों की डेरा पर भी डला एक गोला गिरा।

यह है आकार और वजन

गोले का व्यास करीब 1.5 फीट है। इसका वजन 5 से 7 किलो है। इसके दोनों तरफ कुछ यंत्र लगे हुए हैं।

सवा साल पहले गुजरात में भी गिरे थे रहस्यमयी गोले

गुजरात के आणंद के दगजीपुरा, रामपुर, भुगेल, खंभोलाज गांव में भी 12-13 मई 2022 को इसी तरह रहस्यमयी गोले गिरे थे। उस समय भी इसरो के रिटायर्ड वैज्ञानिक ने इसे सैटेलाइट का मलबा ही बताया था। ऐसा बताया गया है- इसका उपयोग उपग्रह में ईंधन टैंक में होता है। इसमें हाइड्राजीन को संग्रह किया जाता है, इसके जरिये फ्यूल सप्लाय हाेती है।

लड़ाकू विमान से गोले गिरने की उड़ी थी अफवाह

ग्वालियर में एयरफाेर्स स्टेशन है। जहां लड़ाकू विमान रखे हुए हैं। लड़ाकू विमानों के पायलट रोज प्रैक्टिस करते हैं। इसके चलते ही अफवाह उड़ गई कि लड़ाकू विमान से गोले गिरे हैं।

ये गोले किसी घर या व्यक्ति पर गिरता तो हो जाती अनहोनी

इस घटना में बड़ी अनहोनी भी टल गई। क्योंकि गोले का वजन 5 से 7 किलो था। यह गोला ठोस नहीं था, लेकिन फिर भी ऊपर से काफी तेज गति में यह गोले गिरे। जमीन के अंदर 2 फीट तक गड्ढा हो गया, अगर यह किसी घर पर या किसी व्यक्ति पर गिरते तो जान तक जा सकती थी। इस घटना के बाद से लोग घरों से बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं।

आसमान से भितरवार में जो रहस्यमयी धातु के गोले गिरे हैं, उनकी जांच कराई गई। यह विस्फोटक नहीं हैं। इसकी जांच में पुष्टि हो गई है। बम डिस्पोजल स्कवाड से इसकी जांच करवाई। इसके बाद भारतीय वायुसेना के महाराजपुरा एयरबेस सहित अन्य एक्सपर्ट से को गोले के फोटो, वीडियो भेजे। इनका कहना था- यह अंतरिक्ष में सैटेलाइट के हाइड्राजि‍न सेल का मलबा हो सकता है। सैटेलाइट को फ्यूल सप्लाय में इसकी मदद ली जाती है। कुछ समय बाद यह खराब हो जाते हैं तो सैटेलाइट से निकल जाते हैं। अभी इन्हें पुलिस ने ही अपनी सुरक्षा में रखा हुआ है

Gaurav

Recent Posts

India’s Deposit Growth Leads Credit Growth After 30 Months of Reversal

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…

2 weeks ago

Indian Market Sees Record $10 Billion Outflow in October

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…

4 weeks ago

India’s Growth Steady at 7%, Outpacing Global Peers, IMF

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…

1 month ago

GST Reduction Likely to Make Health & Life Insurance Cheaper

Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…

1 month ago

साबुन के नाम पर फैक्ट्री में बन रहा नशीला ड्रग, किराये पर देने वाला गिरफ्तार

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…

2 months ago