सोलन। भूस्खलन की वजह से हिमाचल के सोलन में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि अनेक लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। यह घटना जिस समय हुई लोग मंदिर में थे। मिली जानकारी के अनुसार बादल फटने से भूस्खलन हुआ और देखते ही देखते भारी सैलाब आ गया, जिसके चलते शिमला में एक शिव मंदिर ढह गया। बताया जा रहा है कि उसके नीचे दबे 30 लोगों को निकालने के लिए रैस्क्यू टीम जुटी हुई है। इस तरह से हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ के कारण यहां मौत का तांडव मच गया है। पिछले 3 दिनों से प्राकृतिक आपदा से गिरे मंडी जिला में 13 लोगों की मौत हुई। इसके बाद सोलन जिला में सात लोगों की मौत होने की सूचना है। प्रदेश में तबाही की स्थिति लगातार बनी हुई है। शिमला में भूस्खलन की वजह से एक मंदिर ढह गया। मंदिर में कम से कम 30 लोगों के फंसे होने की सूचना है। हालांकि रैस्क्यू जारी है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार अगले 24 घंटों तक मानसून इसी प्रकार सक्रिय रहेगा।
राज्य के अधिकांश भागों में भारी वर्षा का क्रम जारी रहने से नदियां, नाले व खड्डे उफान पर रहेंगे। चंडीगढ़-शिमला फोरलेन चक्की मोड पर वाहनों के लिए बाधित है। बादल फटने से घरों में घुसा मलवा इधर धर्मपुर की तनयाहड पंचायत के नल्याणा में मकान में मलवाल प्रवेश कर जाने की वजह से तीन लोगों के दबने की सूचना है। वहीं, नाहन के कंडईवाला में रविवार देर शाम को बादल फटने से 50 घरों में मलबा भर गया है। लगातार हो रही बारिश से धुंआधार धुंध के आगोश में कई क्षेत्र समा गए हैं। इनमें चुराह, सलूनी सहित जिला का पहाड़ी क्षेत्र पूरी तरह से धुंध के आगोश में है। उधर जिला प्रशासन ने खराब मौसम में लोगों से घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है। साथ ही वाहन चालकों को भी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाहन ले जाने की बात कही है। यहां कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है। सोलन जिले के कंडाघाट उपमंडल की ममलीग उप-तहसील के जादोन गांव में दर्दनाक हादसा हुआ। देर रात डेढ़ बजे बादल फटने से दो घर और एक गौशाला बह गई। घर में सो रहे लोगों को लील गया सैलाब सोलन में जहां भारी बारिश और भूस्खलन के कारण सैलाब आने से लोग घरों में फंस गए। वहीं रात में सो रहे लोगों को सैलाब लील गया। बतया जा रहा है कि यहां पर बीते दिन से हो रही भारी बारिश के कारण पंचायत सायरी के जादोन गांव में रति राम और इसके बेटे हरनाम के 2 मकान भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के वक्त हरनाम के घर में 4 व्यक्ति थे और रति राम के मकान में 9 लोग सो रहे थे। 5 व्यक्तियों को स्थानीय लोगों और पुलिस ने जिंदा निकाल लिया। लेकिन 7 लोगों की मौत हो गई। 3 अब भी लापता बताए जा रहे हैं। रेस्क्यू टीम को हादसे वाली जगह तक पहुंचने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चारों तरफ सड़कें बंद हो गई हैं।
लोक निर्माण विभाग ने सड़क की मरम्मत के लिए जेसीबी लगाकर काम शुरू किया है। नेशनल हाईवे-5 फिर से हुआ बंद भारी बारिश और भूस्खालन के चलते चंडीगढ़ शिमला नेशनल हाईवे-5 फिर से बंद हो गया है। मिली जानकारी के अनुसार चक्की मोड़ पर भी फिर से पहाड़ से मलबा आ गिरा। जबकि नेशनल हाईवे से डायवर्ट किए गए संपर्क मार्ग भी भूस्खलन के कारण बंद हो गए हैं। संपर्क मार्गों पर वाहन बुरी तरह से फंसे हुए हैं। शिमला और चंडीगढ़ का संपर्क अब पूरी तरह से टूट गया है। यहां पर लगातार 4 दिनों से से हो रही बारिश की वजह से नेशनल हाईवे को बार बार खोलना और बंद करना पड़ रहा है। चंडीगढ़ से वाया कसौली जंगेशु मार्ग भी बंद होने से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा चंडीगढ़ से वाया बद्दी हो कर सोलन और शिमला जाने का विकल्प भी खत्म हो गया है क्योंकि वहां भी पुल टूट गया है। मंडी जिला में भी बीती रात से भारी बारिश ही रही है। पर्यटकों को नहीं सूझ रहा रास्ता चंडीगढ़ मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद होने के कारण यहां पर्यटक बुरी तरह फंसकर रह गए हैं। उन्हें कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। क्योंकि यहां के सारे वैकल्पिक मार्ग भी बंद हैं। वहीं सात मील के पास नाले में भारी बारिश के कारण भारी मात्रा में मलबा आया है जो हाईवे पर खड़ी बड़ी गाड़ियों को बहा दे गया है। कई गाड़ियां इससे क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इस समय तो लोगों तक मदद पहुंचाना भी सम्भव नहीं हो पा रहा है। लगभ ढाई-तीन सौ पर्यटक भी यहां फंस गए हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी 60 घंटों के लिए बंद हो गया है। बारिश के कारण प्रशासन ने पूरी रात सड़क बंद रखने का फैसला किया है। मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है। शिमला, कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर, बिलासपुर, मंडी, कुल्लू और सोलन जिलों में जबरदस्त बारिश के दौरान अचानक बाढ़ आने की चेतावनी जारी की गई है। भारी बारिश से 7935 मकानों को पहुंचा नुकसान हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण खूब तबाही मची है। यहां अब तक कुल 7935 घरों को नुकसान पहुंचा है। 270 दुकानों व 2727 गोशालाओं में भी मलबा भर गया है। 24 जून से 13 अगस्त तक 257 लोगों की मौत हो चुकी है, जबति 290 लोग घायल हुए हैं। मानसून में अभी तक 7020.28 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 90 और अचानक बाढ़ की 90 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। भूस्खलन के कारण ना सिर्फ सड़कें टूटी हैं, बल्कि वाहनों की आवाजाही भी बंद हुई है। अगर बीते 24 घटों से हुए नुकसान की बात करें तो 10 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं जबकि 70 मकानों को नुकसान हुआ है। मंडी में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। राज्य में 452 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हो गई हैं। कई गांवों से बिजली गायब हो चुकी है। 1814 बिजली ट्रांसफार्मर व 59 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
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