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भारतीय छात्रों के ‎लिए खुशखबरी, तंजा‎निया में खुला IIT कॉलेज का कैंपस ; तंजानिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को ‎मिली मान्यता, हुआ MOU

दिल्‍ली : तंजा‎निया में आईआईटी कैंपस खुलने से भारतीय छात्रों को अब इसमें एड‎‎मिशन लेने का मौका ‎मिलेगा। खुशी की बात यह है ‎कि पहली बार किसी आईआईटी कॉलेज का कैंपस भारत से बाहर ज़ांज़ीबार, तंजानिया में होगा। ज़ांज़ीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास के कैंपस की स्थापना के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, आईआईटी मद्रास और शिक्षा एवं प्रोफेशनल प्रशिक्षण मंत्रालय ज़ांज़ीबार-तंजानिया के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। एमओयू साइन के दौरान 5 जुलाई 2023 को ज़ांज़ीबार के राष्ट्रपति डॉ. हुसैन अली म्विनी और भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर उपस्थित रहे। गौरतलब है ‎कि यह कैंपस भारत और तंजानिया के बीच लंबे समय से चल रही दोस्ती को दर्शाता है। आईआईटी मद्रास के ज़ांज़ीबार-तंजानिया कैंपस में अब भारतीय छात्रों को भी प्रवेश लेने का मौका ‎मिलेगा। तंजानिया में भारत के उच्चायुक्त बिनया श्रीकांत प्रधान, आईआईटी मद्रास के डीन ग्लोबल एंगेजमेंट प्रो. रघुनाथन रेंगास्वामी और एमओईवीटी ज़ांज़ीबार के कार्यवाहक प्रधान सचिव खालिद मसूद वज़ीर ने भारत सरकार के एमओई की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

बता दें ‎कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 अंतर्राष्ट्रीयकरण पर केंद्रित है। ‎जिसके तहत उच्च प्रदर्शन करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों को अन्य देशों में परिसर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यही वजह है ‎कि तंजानिया और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को मान्यता देते हुए डॉक्यूमेंट्स पर हस्ताक्षर करके शैक्षिक साझेदारी के रिश्ते को औपचारिक रूप दिया गया है। ज़ांज़ीबार-तंजानिया में आईआईटी मद्रास के प्रस्तावित कैंपस की स्थापना की रूपरेखा तथा योजनाएं शामिल हैं। अक्टूबर 2023 में इस कैंपस में प्रोग्राम लॉन्च किया जाएगा। यह यूनिक साझेदारी आईआईटी मद्रास की शीर्ष क्रम की शैक्षिक विशेषज्ञता के साथ क्षेत्र की मौजूदा जरूरतों को पूरा करेगी।

इसमें छात्रों का चयन और शैक्षणिक विवरण, शैक्षणिक कार्यक्रम, पाठ्यक्रम आ‎दि आईआईटी मद्रास द्वारा होंगे जबकि पूंजी और ऑपरेशनल खर्च ज़ांज़ीबार -तंजानिया सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। इस कैंपस में नामांकित छात्रों को आईआईटी मद्रास की डिग्री प्रदान की जाएगी। अत्याधुनिक इंटर डिसिप्लिन डिग्रियों से एक विविध ग्रुप को आकर्षित करना है और इसमें अफ्रीका और अन्य देशों के छात्र भी शामिल होंगे। भारतीय छात्र भी इन प्रोग्रामों में आवेदन करने के लिए योग्य हैं। आईआईटी कैंपस की स्थापना से विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा और उसके राजनयिक संबंधों में भी वृद्धि होगी और आईआईटी मद्रास के अंतरराष्ट्रीय पदचिह्न का विस्तार होगा।

 

 

Gaurav

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