भोपाल । चुनाव आयोग ने मप्र विधानसभा चुनावों के दौरान प्रत्याशियों के खर्चे में बढ़ोतरी की है। मिली जानकारी के अनुसार अब उम्मीदवार चुनाव के दौरान 40 लाख रुपये खर्च कर सकता है। गौरतलब है कि पिछले चुनाव में इसकी खर्च सीमा 28 लाख रुपये थी। बता दें कि मध्य प्रदेश में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसको लेकर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मियां बहुत तेज हो गई हैं। हर जगह प्रमुख राजनीतिक दल के नेता सक्रिय हो चुके हैं। नेताओं का चुनावी दौरे का सिलसिला भी चल पड़ा है, और शीर्ष नेता लगातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। पार्टियां अपनी बात जनता का तक पहुंचाने की कोशिशों में जुटी हुई है। इन सबके बीच चुनाव आयोग ने भी अपने स्तर पर तैयारियां तेज कर दी हैं। चुनाव आयोग ने ट्रांसफर की डेट 31 जुलाई तक फिक्स कर दी है, इसके बाद तबादले नहीं हो सकेंगे। चुनाव आयोग की टीम ने भोपाल में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अधिकारियों के साथ बैठक की है। जिसमें ज्यादा पैसे खर्च करने पर सहमति बनी। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने वर्ष 2022 में चुनाव खर्च सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी। जिसके परिणामस्वरुप इस बार खर्च सीमा 40 लाख रुपए कर दी गई है।
जहां तक पिछली बार चुनावों के दौरान प्रत्याशियों ने खर्च सीमा को बहति कम बताया था। उस समय वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा 28 लाख रुपये थी। हालांकि बाद के वर्षों में अधिकतम सीमा में संशोधन करने की मांग की जाने लगी थी। इसके बाद चुनाव आयोग ने हालात और राजनीतिक दलों की मांग को देखते हुए एक कमेटी का गठन किया था। कमेटी की सिफारिश के बाद ही चुनाव आयोग ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा खर्च की जाने वाली राशि को बढ़ाने का फैसला लिया था। वहीं अब लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में प्रत्याशियों को पहले के मुकाबले ज्यादा राशि खर्च करने की अनुमति मिल गई।
मप्र विधानसभा चुनाव 2018 में खर्च की सीमा 28 लाख रुपये थी, यानिकी चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी अधिकतम 28 लाख रुपये खर्च कर सकता था। वहीं राजनीतिक दलों की मांग को स्वीकार करते हुए चुनाव आयोग ने खर्च की जाने वाली राशि की सीमा को पिछले साल बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दिया था। इस तरह विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के लिए संशोधित खर्च सीमा लागू है। पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार उम्मीदवार 12 लाख रुपये ज्यादा खर्च कर सकेंगे।
मप्र में चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों के साथ ही चुनाव आयोग भी एक्टिव हो गया है। चुनाव से जुड़े सभी तरह के ट्रांसफर 31 जुलाई तक पूरे करने का भी निर्देश दिया गया है। एक अनुमान के मुताबिक, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कुल 2500 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर आयोग की एक टीम राजधानी भोपाल पहुंची। चुनाव आयोग की टीम ने प्रदेश के उत्तरदायी अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया। हालांकि आयोग ने चार्टर्ड विमानों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं।
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