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रात में AC चलाने पर आएगा अधिक बिजली Bill , फिर भी फायदे में रहेंगे आप; क्या है सरकार की Yojana और कब होगी लागू

नई दिल्ली : भारत सरकार ने बिजली बिलों को लेकर नया टैरिफ प्लान लाने की योजना बनाई है। यह योजना पहली बार सुनने में जरूर चिंता में डाल सकती है लेकिन जब आप इसके बारे में पूरी तरह से जानेंगे तो यह राहत भरी लगेगी। दरअसल बिजली मंत्रालय की तरफ से तैयार किए गए नए बिजली टैरिफ को सरकार ने शुक्रवार को सरकार ने मंजूरी प्रदान कर दी। अप्रैल 2024 के बाद अगर आप गर्मी से बचने के लिए रात में एयर कंडीशनर ज्यादा चलाते हैं तो आपको ज्यादा बिजली बिल देना होगा।

हालांकि दिन में बिजली का बिल कम आएगा क्योंकि दिन में सौर ऊर्जा चालित बिजली की आपूर्ति की जाएगी। नए बिजली टैरिफ के तहत दिन में बिजली की दर मौजूदा कीमत से 20 प्रतिशत तक कम होगी लेकिन रात में (पीक आवर में) बिजली की दर 10 से 20 प्रतिशत तक ज्यादा होगी। इसके लिए बिजली (ग्राहकों के अधिकार) नियम 2020 में आवश्यक संशोधन करते हुए दिन के समय (टीओडी) टैरिफ व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था के बारे में बिजली मंत्री आरके सिंह ने कहा कि इससे ग्राहकों को बिजली बिल कम करने में मदद मिलेगी।

सरकार के इस कदम के पीछे दो बड़ी वजह मानी जा रही हैं। पहली देश में सौर और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पादित बिजली की मांग बढ़े। चूंकि सौर ऊर्जा से बिजली का उत्पादन दिन में होता है तो बिजली वितरण कंपनियां इनसे बनी बिजली की खरीद दिन में ज्यादा करेंगी। दूसरी वजह यह है कि पीक आवर में ज्यादा बिजली बिल आने की संभावना देखते हुए आम ग्राहक इस दौरान बिजली की खपत में किफायत बरतेंगे। इस नई व्यवस्था से देश में स्थापित ग्रिडों के लिए भी अपना प्रबंधन करने में आसानी होगी। वे ज्यादा मात्रा में नवीकरणीय ऊर्जा खरीद सकेंगे।

बिजली मंत्री का कहना है यह बिजली संयंत्रों के साथ बिजली उपभोक्ताओं के लिए भी फायदे का सौदा होगा। ग्राहक लोड शेडिंग के हिसाब से अपनी खपत को कम कर सकेंगे या बढ़ा सकेंगे। इससे वो अपना बिजली बिल भी कम कर सकते हैं। सौर ऊर्जा से बनी बिजली सस्ती होती है। इसलिए दिन में बिजली खपत करने पर कम बिल आएगा। पीक आवर में अगर वाशिंग मशीन से कपड़े धोते हैं या इलेक्ट्रिक अप्लायंसेज से खाना बनाते हैं तो ज्यादा बिल देना होगा। नई व्यवस्था में कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से बनी बिजली की मांग कम होगी। ऐसे में कोयला आधारित बिजली संयंत्र कम बिजली बनाएंगे। कम बिजली बनाने से पर्यावरण को नुकसान भी कम होगा। इस तरह से कार्बन जीरो का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।

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Gaurav

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