रोम । इटली ने चीनी सरकारी कंपनी को टायर बनाने वाली कंपनी पिरेली का नियंत्रण अपने हाथ में लेने से रोकने का कदम उठाया है। रिपोर्ट के अनुसार,यह निर्णय पिरेली की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए इटली (Italy) की सरकार द्वारा घोषित उपायों का हिस्सा है। बीजिंग-नियंत्रित रासायनिक दिग्गज सिनोकेम पिरेली का सबसे बड़ा शेयरधारक है, इसकी 151 साल पुरानी मिलान स्थित फर्म में 37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन इनदिनों चीन की जारी यात्रा के आलोक में बीजिंग व पश्चिम के बीच यह तनाव सामने आया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिरेली (Pirelli) ने निवेशकों को दिए बयान में कहा कि इटली सरकार ने फैसला सुनाया था कि केवल कैमफिन-पिरेली के बॉस मार्को ट्रोंचेटी प्रोवेरा द्वारा नियंत्रित कंपनी अपने मुख्य कार्यकारी अधिकारी के लिए उम्मीदवारों को नामित कर सकती है। पिरेली ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि कंपनी के कॉरपोरेट गवर्नेंस में कोई भी बदलाव आधिकारिक जांच के अधीन होना चाहिए। यह तब आया, जब सिनोकेम ने मार्च में इटली सरकार को बताया कि उसने मौजूदा शेयरधारक समझौते को नवीनीकृत और अद्यतन करने की योजना बनाई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के प्रशासन ने तथाकथित गोल्डन पावर प्रोसीजर नियमों के तहत समझौते की जांच की, इसका उद्देश्य उन व्यवसायों की रक्षा करना है, जिन्हें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है।
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