भोपाल : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियों में शासकीय कर्मचारी और अधिकारियों के भाग लेने के मामले पर बवाल मच गया है। कांग्रेस ने एक पुराना आदेश बायरल किया जिसमें इस पर वेन लगाया गया है वहीं इसके जबाव में बीजेपी ने इस रोक को हटाने वाला नया आदेश की छायाप्रति बायरल की ।
2003 में लगाई थी रोक
रोक का जो आदेश आज सोशल मीडिया पर बायरल किया गया है वह 2003 का है जो तत्कालीन दिग्विजय सिंह की सरकार द्वारा जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि किसी भी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में किसी तरह से भाग लेना प्रतिबंधित किया जाता है। यह पुराना आदेश आज फिर बायरल कर प्रचारित किया गया कि यह प्रतिबंध अभी भी लागू है ।
फटाफट बायरल किया गया नया आदेश
इसके बाद भोपाल में पूरा प्रशासनिक अमला सक्रिय हुआ और फटाफट 2006 का नया आदेश ढूंढा गया । सामान्यप्रशासन विभाग द्वारा 2006 में प्रदेश से दिग्विजय सिंह की सरकार जाते ही नया आदेश जांरी करके 2003 में जांरी किये गए प्रतिबंध आदेश पर रोक लगाई गई थी ।
नही हो सकती कोई कार्यवाही
बीजेपी का कहना है कि उपरोक्त दोनो आदेशों से यह बात अच्छी तरह स्पष्ट हो जाती है , यानी अगर कोई सरकारी सेवक संघ के कार्यकलापों में हिस्सा लेता है तो उसके खिलाफ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत कोई कार्यवाही नहीं हो सकतीं।
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