नई दिल्ली l ओडिशा रेल हादसे पर देश के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, नौकरशाहों, सैन्य अधिकारियों और नागरिक समाज के अन्य सदस्यों ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। नागरिक समाज के इन सदस्यों ने पीएम मोदी से मांग की है कि रेल पटरी के आसपास अवैध निर्माण, अवैध तरीके से रह रहे घुसपैठियों को हटाया जाए और रेलवे की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जाए। पत्र पर कुल मिलाकर 270 लोगों ने साइन किया है और इन्होंने इसमें देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को ‘खतरे में डालने’ के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की है।
‘यह साजिश का स्पष्ट मामला जान पड़ता है’
पत्र में लिखा है,‘ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना से हम बहुत परेशान हैं, जिसमें हमारा तेजी से बढ़ता और आधुनिक होता रेलवे प्रभावित हुआ है। हालांकि, जांच अभी भी चल रही है, लेकिन, प्रारंभिक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऐसा शक है कि ट्रेन के पटरी से उतरने का कारण मानवीय हस्तक्षेप हो सकता है, जो आतंकवादी संगठनों के इशारे पर साजिश का एक स्पष्ट मामला जान पड़ता है।’ पत्र में कहा गया है कि हस्ताक्षर करने वालों में से कुछ ने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में काम किया है, जहां उन्हें रेलवे नेटवर्क के सुचारू संचालन में तोड़फोड़ की स्थितियों का सामना करना पड़ा।
‘ अवैध घुसपैठियों को वहां से हटाया जाए ’
पत्र में कहा गया है, ‘जम्मू-कश्मीर ने 1990 और 2000 के दशक की शुरुआत में पठानकोट से जम्मू तक रेलवे लाइन पर कई हमले देखे, जहां पटरियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया गया।’ पत्र लिखने वालों में देश के पूर्व रॉ चीफ और NIA के पूर्व डायरेक्टर भी शामिल हैं। इन्होंने ट्रेन हादसे के पीछे बड़ी आतंकी साजिश की आशंका जताते हुए सरकार से देश भर में फैले रेल पटरियों की सुरक्षा के लिए अवैध घुसपैठियों और रेल पटरियों के किनारे बसे अवैध अतिक्रमणकारियों को वहां से हटाए जाने की मांग की है। उन्होंने साथ ही CBI जांच के फैसले को सही ठहराते हुए उम्मीद जताई कि CBI सही अपराधियों को बेनकाब करेगी।
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