मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रात: भोज ताल वीआईपी रोड पर राजा भोज की प्रतिमा से भोपाल गौरव दौड़ झंडी दिखाकर रवाना की। इस दौड़ में भोपाल के नागरिक विशेषकर युवाओं द्वारा उत्साह से हिस्सा लिया गया। राजा भोज प्रतिमा से भोपाल बोट क्लब तक लगभग 3 किलोमीटर भोपाल गौरव दौड़ में असंख्य नागरिक शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने नागरिकों को भोपाल गौरव दिवस की बधाई देते हुए कहा कि भोपाल देश के स्वतंत्र होने के समय 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र नहीं हुआ। तब तत्कालीन नवाब ने भारतीय संघ में भोपाल रियासत के विलय से इनकार कर दिया था। इसके लिए नागरिकों को संघर्ष करना पड़ा और विलीनीकरण आंदोलन के फलस्वरुप अनेक सेनानियों के बलिदान के पश्चात ही भोपाल एक जून 1949 को स्वतंत्र हुआ। इस आंदोलन में रायसेन जिले के बोरास में युवा शहीद भी हुए। मुख्यमंत्री चौहान ने विलीनीकरण आंदोलन के शहीद सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, भोपाल की महापौर मालती राय, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, कमिश्नर भोपाल संभाग माल सिंह, कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह, जन-प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।
भोपाल को बनाएँ नम्बर वन
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज भोपाल के हजारों नौजवान और नागरिक गौरव दौड़ में गौरव के भाव से और उमंग से हिस्सा ले रहे हैं। भोपाल को स्वच्छतम राजधानी का दर्जा मिल चुका है। अब भोपाल को भारत का स्वच्छतम शहर बनाना है। क्लीन शहर और ग्रीन शहर हो हमारा भोपाल, यह हम सभी का संकल्प होना चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे प्रतिदिन तीन पौधे लगाते हैं। पर्यावरण संरक्षण में नागरिकों विशेषकर युवाओं की भागीदारी बढ़ रही है। भोपाल शहर राजा भोज का शहर है, रानी कमलापति का शहर है और हम सभी का शहर है। सभी मिलकर भोपाल को ग्रीन और क्लीन बनाएं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गौरव दिवस पर इस गौरव दौड़ में युवाओं का असीम उत्साह देखने को मिल रहा है। ऐसा प्रतीत होता है मानो पूरा भोपाल दौड़ रहा हो। हम सभी मिलकर भोपाल को आगे बढ़ाने का संकल्प लें। इसके लिए प्रत्येक नागरिक को कुछ नेक काम अपनाने होंगे। कम से कम एक कार्य करने का दायित्व जरूर लें। इनमें स्वच्छता, पौधा लगाना, बेटियों को पढ़ाना, ऊर्जा का संरक्षण, बिजली की बचत आदि शामिल हैं। सरकार के साथ समाज भी विकास के कामों में भागीदार बने। आज के कार्यक्रम में विलीनीकरण आंदोलन के कर्मठ देशभक्त भाई रतन कुमार के परिवार से डॉ. आलोक गुप्ता और अनुराधा गुप्ता भी भोपाल गौरव दौड़ रवाना होने के अवसर पर उपस्थित थे। प्रारंभ में मुख्यमंत्री चौहान ने अन्य जन-प्रतिनिधियों के साथ गुब्बारे छोड़कर भोपाल गौरव दौड़ को रवाना किया और स्वयं भी दौड़ का हिस्सा बने।
कार्यक्रम के संचालन का जिम्मा भोपाल के लोकप्रिय आर.जे. की एक टीम ने संभाला। भोपाल के नए और पुराने हिस्से दोनों जगह से नागरिकों की व्यापक भागीदारी भोपाल गौरव दौड़ में देखी गई।
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