आंकड़ों से पता चलता है कि 2018 में 45 मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था, जबकि 2019 में 138, 2020 में 130, 2021 में 221 और 2022 में 120 को। 198 मछुआरों की रिहाई और अपनी रिहाई से एक सप्ताह एक की मौत के बाद, 455 मछुआरे अभी भी पड़ोसी देश में सलाखों के पीछे हैं। सभी मछुआरे कराची के लांधी शहर में बने मलीर जिला जेल और सुधार गृह में बंद हैं। पाकिस्तान मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कराची के मलीर जेल को अधिकतम 1800 कैदियों को रखने के लिए बनाया गया था। हालांकि, दिसंबर 2022 तक यहां 7000 कैदियों को रखा जा रहा है। सभी 455 मछुआरों को पाकिस्तान के मत्स्य अधिनियम, 1987 के तहत हिरासत में लिया गया है।
आरटीआई के आंकड़ों में कहा गया है कि 1 जनवरी तक पाकिस्तान की जेलों में बंद 51 ‘भारतीय कैदियों (सिविल)’ में से नौ पर पाकिस्तान के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम (ओएसए), 1923 के तहत आरोप लगाए गए हैं। नौ में से छह, जिन्हें ओएसए के तहत दोषी ठहराया गया है, अपनी सजा काट रहे हैं, जबकि दो अन्य विचाराधीन हैं। सीक्रेट एक्ट के तहत दोषी ठहराए गए नौ कैदियों में से एक ने दिसंबर 2021 में अपनी पांच साल की सजा पूरी कर ली, हालांकि, 1 जनवरी तक और उसके बाद से वह लाहौर के सेंट्रल जेल में ही है। आरटीआई डाटा से यह भी पता चलता है कि 2008 में भारत और पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते के बावजूद, कैदियों तक राजनयिक पहुंच में अक्सर देरी होती है।
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,24 Nov'24 Union Finance Minister Nirmala Sitharaman has underscored the importance…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,09 Nov'24 For the first time in two and a half…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,27 Oct'24 October has marked a record- breaking month for foreign…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23'Oct'24 The International Monetary Fund (IMF) has reaffirmed its positive outlook…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,23 Oct'24 A reduction in Goods and Services Tax (GST) could…
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के समीप औद्योगिक क्षेत्र के बंद फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स…