मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोल समाज के मान-सम्मान और प्रतिष्ठा की प्रतीक त्योंथर की कोलगढ़ी का जीर्णोद्धार किया जाएगा। इसके लिए तीन करोड़ 12 लाख रूपए स्वीकृत किए गए हैं। भगवान बिरसा मुंडा के शहादत दिवस 9 जून से जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो जाएगा। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर कोल भवन बनाए जाएंगे, इसकी शुरुआत रीवा से होगी। कोल समाज की प्रगति और उत्थान के लिए सरकार और समाज मिल कर काम करेंगे। शिक्षा, रोजगार, स्व-रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष गतिविधियाँ चलाई जाएंगी।
कोल समाज राम-भक्त और देश-भक्त समाज
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोल समाज की महिमा अद्भुत है। यह वह समाज है जिसने भगवान को भी घर दिया। भगवान श्रीराम के वनवास के समय कोल समाज ने ही उन्हें फल-फूल और आश्रय देने का काम किया। साथ ही समाज बंधुओं ने ही भगवान श्रीराम के लिए पर्ण कुटी का निर्माण किया। कोल समाज राम-भक्त और देश-भक्त समाज है। अंग्रेजों को खदेड़ने में भी कोल समाज आगे रहा है। वर्ष 1831 में बुधु भगत और मदारा महतो के नेतृत्व में हुआ कोल विद्रोह कई जनजातियों के लिए अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध संघर्ष का प्रेरणा स्रोत बना। कोल समाज का अपना इतिहास है, इसके संरक्षण के लिए निरंतर कार्य जारी रहेगा। भले और भोले कोल समाज का सम्मान और प्रतिष्ठा पुनर्स्थापित होगी।
जिन व्यक्तियों के पास रहने के लिए जमीन नहीं है, उनका सर्वे कराया जाएगा
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना में पट्टा देकर जमीन का मालिक बनाया जा रहा है। कोल समाज के जिन व्यक्तियों के पास रहने के लिए जमीन नहीं है, उनका सर्वे कराने के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक पात्र व्यक्ति को प्लॉट दिया जाएगा, पट्टे के साथ ही घर बनाने के लिए भी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में जमीन खरीद कर प्लॉट उपलब्ध कराए जाएंगे।
जिन्दगी बदलने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे : समाज भी हो सजग
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई, सभी के स्वास्थ्य, युवाओं के रोजगार और स्व-रोजगार पर ध्यान देना जरूरी है। उन्होंने समाजजन को प्रेरित करते हुए कहा कि हमें अपनी जिन्दगी बदलने के लिए ठोस प्रयास करने होंगे, हम गरीब रहने के लिए पैदा नहीं हुए हैं। बच्चों की शिक्षा, रोजगार और स्व-रोजगार के लिए लक्षित प्रयासों से ही आने वाली पीढ़ी समय के साथ चल सकेगी। इसके लिए समाज को सजग होना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कोल विकास प्राधिकरण को मेधावी बच्चों की पढ़ाई, सरकारी नौकरी तथा मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती के लिए कोचिंग की व्यवस्था की दिशा में पहल करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं के स्व-रोजगार केलिए आवश्यक प्रशिक्षण और लोन की व्यवस्था कर उन्हें रोजगार मांगने वाला नहीं रोजगार देने वाला बनाना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कोल समाज की महिलाओं को स्व-सहायता समूहों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और लाड़ली बहना योजना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ भी वितरित किए।
भक्तिमय हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान
जनजातीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत भजन -‘आगे-आगे राम चलत हैं – पीछे लक्ष्मण भाई रे – शोभा बरन न जाई रे’ को सुर देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने भी भजन की पंक्तियाँ गाईं। मुख्यमंत्री ने अतिथियों का मुख्यमंत्री निवास पधारने के लिए आभार माना।
राज्य स्तरीय कोल जनजाति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामलाल रौतेल ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान कोल समाज की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध हैं। राज्य शासन द्वारा जनजातीय समाज के मान-सम्मान और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए विभिन्न गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। अन्य जन-प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
सम्मेलन में विधायक शरद कोल, अध्यक्ष जिला पंचायत सतना राम खिलावन कोल, अध्यक्ष जिला पंचायत रीवा नीता कोल, भारिया विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष दिनेश अगरिया, जनजातीय कार्य विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. पल्लवी जैन गोविल सहित बड़ी संख्या में कोल समाज के भाई-बहन उपस्थित थे।
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