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एटम बम भी हो जाए फेल, अंडरग्राउंड बंकर, पल में भून देने वाले गार्ड्स… ऐसी है पुतिन के क्रेमलिन की सिक्योरिटी

मास्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दफ्तर से एक बयान जारी हुआ। इसमें दावा किया गया कि क्रेमलिन पर दो ड्रोन अटैक किए गए। रूस ने दावा किया कि हमले का मकसद पुतिन की जान लेना था। हालांकि, पहले ही इन दोनों ड्रोन को मार दिया गया। इस हमले के लिए रूस ने पहले यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था।

हालांकि, अब रूस का कहना है कि हमले का मास्टरमाइंड अमेरिका था और यूक्रेन ने वहीं किया, जो उससे कहा गया. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इन सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। क्रेमलिन ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन पूरी तरह सुरक्षित हैं। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने बताया कि जिस वक्त ड्रोन हमला हुआ, उस वक्त राष्ट्रपति पुतिन काम कर रहे थे। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने बताया कि हमला जिस वक्त हुआ था, उस समय पुतिन नोवो-ओगारयोवा में बने अपने आवास के बंकर में काम कर रहे थे। नोवो-ओगारयोवो असल में मॉस्को के नजदीक ही रिहायशी इलाका है। ये दशकों पुराना है। यहां रूसी सरकार से जुड़े बड़े-बड़े अफसर रहते हैं। पुतिन भी अपना ज्यादातर समय यहां बने अपने आवास में ही बिताते हैं। इस राष्ट्रपति पुतिन का अनाधिकारिक आवास भी कहा जाता है। नोवो-ओगारयोवो को 1950 के दशक की शुरुआत में बनाया गया गया था।

शुरुआत में गेस्ट हाउस, पार्टी और सरकारी कमेटियों के वर्कप्लेस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था। 1991 के बाद इस पूरे इलाके को सरकारी अफसरों के लिए रिजर्व कर दिया गया। 1999 में जब व्लादिमीर पुतिन रूस के राष्ट्रपति बने, तब उन्होंने इस रेनोवेट करवाया। यहां पर जो राष्ट्रपति आवास बना है, उसके चारों ओर 6 मीटर ऊंची दीवारें हैं। अक्टूबर 2012 में पुतिन ने कहा था कि वहां मॉस्को की भीड़-भाड़ से बचने के लिए अपना ज्यादातर समय यहीं बिताते हैं। अप्रैल 2020 में जब मॉस्को के सिटी क्लीनिकल हॉस्पिटल के एक हेड डॉक्टर के कोविड पॉजिटिव होने के बाद पुतिन ने खुद को नोवो-ओगारयोवो में आइसोलेट कर लिया था।

नोवो-ओगारयोवो के इसी घर में बैठकर पुतिन मीटिंग भी करते हैं। अक्सर कहा जाता हैं कि यहां के घर में पुतिन हमेशा बंकर में ही रहते हैं। हालांकि, क्रेमलिन ने हाल ही में इस दावे को खारिज किया था। पूरे रूस में कई बंकर्स हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे परमाणु हमले को भी फेल कर सकते हैं। इन्हें मैट्रो 2 सिस्टम कहा जाता है। कहा जाता है कि ये शीत युद्ध के दौरान बने थे। सबसे पहले साल 1990 में रूसी रक्षा पत्रकार विक्टर सवेरेव ने इसका पता लगाया, जिसके बाद से एक के बाद एक कई राज खुले। मैट्रो 2 सिस्टम में बंकर ही नहीं, अंडरग्राउंड गाड़ियां भी चलती हैं, जो सीधे क्रेमलिन से जुड़ी हुई हैं। इस बारे में साल 2010 में रशियन स्ट्रेटजिक रॉकेट फोर्स के पूर्व अधिकारियों ने बयान दिया था कि ये रीयल हैं और इसतरह के बंकर हैं, जिनके बारे में कोई देश सोच भी नहीं सकता। एक और सुविधा भी है, जो खास राष्ट्रपति और उनके परिवार को सुरक्षा देती है। इस कंटीन्यूटी ऑफ गवर्नमेंट (सीओजी) कहते हैं। ये अलग तरह के बंकर हैं, जिसमें कथित तौर पर इतनी जगह है कि आराम से सालभर का राशन, दवा, पानी सबकुछ स्टोर हो सके। इसमें कॉन्फ्रेंस रूम, बेडरूम सारी सुविधाएं हैं, और ये टनल से जुड़ती हैं ताकि बंकर में रहते राष्ट्रपति को यहां से वहां शिफ्ट भी किया जा सके। हालांकि, सीओजी के बारे में इंटरनेशनल मीडिया में बात तब खूब होती है, लेकिन ये क्रेमलिन से कितने मीटर या किलोमीटर दूर स्थित है, ये किसी को नहीं पता।

Gaurav

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