मणिपुर l चुराचांदपुर जिले में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के दौरे से एक दिन पहले भीड़ ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी। पुलिस ने बताया कि गुरुवार रात करीब नौ बजे अनियंत्रित भीड़ ने इस घटना को अंजाम दिया गया। घटना के बाद, जिले में इंटरनेट पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही धारा 144 लागू कर दी गई है।
पुलिस ने बताया था कि स्थानीय पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया था, लेकिन आगजनी की घटना से कार्यक्रम स्थल को नुकसान पहुंचा है। बता दें, यह घटना राज्य की राजधानी इंफाल से करीब 63 किलोमीटर दूर न्यू लमका में हुई। घटना के बाद क्षेत्र में तनाव की स्थिति हो गई है। पुलिस ने जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है। पुलिस ने कहा कि गुस्साई भीड़ ने न्यू लमका के पीटी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में नए स्थापित ओपन जिम को आंशिक रूप से आग के हवाले कर दिया, जिसका उद्घाटन बीरेन सिंह शुक्रवार दोपहर में करने वाले हैं। सीएम बीरेन सिंह जिम के अलावा खेल सुविधा का उद्घाटन करने वाले हैं। साथ ही उनका एक अन्य समारोह में भी भाग लेने का कार्यक्रम है। हालांकि, अधिकारियों ने अभी तक पुष्टि नहीं की है कि कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है या नहीं।
जनजाति मंच ने किया था बंद का आह्वान
दरअसल, स्वदेशी जनजाति नेताओं के मंच ने सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक पूरा चुराचांदपुर बंद का आह्वान किया था, इसी बीच भीड़ उग्र हो गई और सीएम के कार्यक्रम स्थल पर हमला कर दिया। जनजाति नेताओं के मंच ने दावा किया कि किसानों और अन्य आदिवासी निवासियों के आरक्षित वन क्षेत्रों को खाली करने के लिए चल रहे बेदखली अभियान का विरोध करते हुए बार-बार ज्ञापन सौंपने के बावजूद सरकार ने लोगों की दुर्दशा को दूर करने की इच्छा या ईमानदारी का कोई संकेत नहीं दिखाया है।
स्वदेशी मंच ट्राइबल लीटर्स फोरम ने आरक्षित और संरक्षित वनों के सर्वेक्षण के खिलाफ बंद का आह्वान किया था। मंच ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने पवित्र गिरजाघरों को बिना कानूनी प्रक्रिया के गिरा दिया है। फोरम में एक बयान में कहा कि उसे सरकार और सरकारी कार्यक्रमों के साथ असहयोग अभियान चलाने के लिए मजबूर किया गया है। साथ ही मंच ने शुक्रवार को भी सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक जिले में बंद का आह्वान किया है।
कूकी छात्र संगठनभी मंच के आह्वान का समर्थन किया है और सरकार पर आदिवासियों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। कुकी छात्र संगठन ने धार्मिक स्थलों के विध्वंस और आदिवासियों को अवैध रूप से बेदखल करने की निंदा की है। बता दें, मणिपुर सरकार ने इस महीने की शुरुआत में तीन गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया था। सरकार ने दावा किया था कि अवैध रूप से गिरजाघरों का निर्माण किया गया था। इसके बाद एक स्थानीय संगठन ने मणिपुर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
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