राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि आज विकास की दौड़ में मानव का वन्य-प्राणियों से संघर्ष हो रहा है और वन क्षेत्र सिमटते जा रहे हैं। हमें प्रयास करना चाहिए कि मानव और वन्य-प्राणियों में संघर्ष न हो। मानव की तरह ही वन्य-प्राणियों के जीवन की भी चिंता करने की जरूरत है। जब तक वन्य-प्राणियों को छेड़ा नहीं जाता है, वह हम पर हमला नहीं करते हैं। उन्होंने अपेक्षा की कि तीन दिन की इस कार्यशाला में वन्य-प्राणियों और मानव के बीच संघर्ष को कैसे कम किया जाए, इस पर विशेष रूप से चर्चा की जाएगी जिसके निष्कर्ष सामने आएंगे। राज्यपाल पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला जिले के खटिया में अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी संरक्षण एवं वनों की सुरक्षा पर तीन दिवसीय कार्यशाला में जबलपुर से वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यशाला में कहा कि मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक वन क्षेत्र वाला राज्य है। देश के कुल वनों का 12 प्रतिशत वन क्षेत्र मध्यप्रदेश में आता है। मध्यप्रदेश वनों की सुरक्षा, संवर्धन एवं वन्य-प्राणियों की सुरक्षा के लिए तत्परता के साथ कार्य कर रहा है। इसके फलस्वरूप आज मध्यप्रदेश देश का टाइगर स्टेट, चीता स्टेट, तेंदुआ स्टेट और घड़ियाल स्टेट बन गया है। हमारे वन सुरक्षित रहेंगे, तो उसमें वन्य-प्राणी भी सुरक्षित रहेंगे। इसी से मानव जीवन भी सुरक्षित रहेगा। मानव जीवन और हमारी भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिए वन्य-प्राणी और वनों की सुरक्षा एवं संवर्धन हमारी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 3 दिवसीय इस कार्यशाला में वन्य-प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्धन के संबंध में जो कुछ भी नए विचार एवं सुझाव सामने आएंगे, उन पर अमल करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह धरती केवल मनुष्यों के लिए नहीं है। इस धरती पर सभी प्राणियों को भी जीने का हक है। हमें जियो और जीने दो की भावना के साथ रहना होगा और वन्य-प्राणियों की सुरक्षा करना होगी। हमारे प्राचीन ग्रंथों में वन्य-प्राणियों को देवी-देवताओं का वाहन बनाया गया है। यह हमें वन्य-प्राणियों की सुरक्षा का संदेश देता है। हमारे देश की परंपरा रही है कि हम पेड़, पर्वत और नदियों की भी पूजा करते हैं। हमारे मन में हर प्राणी के लिए करुणा की भावना होना चाहिए। राज्य सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश में वन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। मानव विकास के दबावों के बाद भी हम यह उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे हैं। आज मध्यप्रदेश में 6 टाइगर रिजर्व और 11 नेशनल पार्क है। वन्य-प्राणी संरक्षण पर विशेष ध्यान देने से प्रदेश को चीता स्टेट का दर्जा मिला है। कूनो अभयारण में चीतों को और चंबल के पार्क में घड़ियालों को स्थापित किया गया है। अब बाँधवगढ़ में बायसन को स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हमारी सरकार वन्य-प्राणियों के संरक्षण में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी।
Ira Singh Khabar Khabaron ki,02 June’25 India’s Goods and Services Tax (GST) collections continued their…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,01 June’25 The central government managed to meet its fiscal deficit…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,31 May'25 India’s economy expanded by 7.4% in the March quarter…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,31 May’25 Infosys founder NR Narayana Murthy has launched a pioneering,…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,30 May’25 India’s economy has reached a significant milestone, with its…
Ira Singh Khabar Khabaron Ki,26 May'25 Prime Minister Narendra Modi on Monday inaugurated and laid…