वाशिंगटन। क्वाड देशों के नेता अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में तीसरी बार आमने-सामने की मुलाकात करेंगे। व्हाइट हाउस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने बताया कि इस मुलाकात का मकसद महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन तथा सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर आपसी सहयोग को गहरा करना है। क्वाड एक चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद समूह है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं। यह पहली बार होगा, जब ऑस्ट्रेलिया क्वाड देशों के नेताओं की मेजबानी करेगा।
ज्यां-पियरे ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज की मेजबानी में सिडनी में 24 मई को आयोजित होने वाली क्वाड नेताओं की बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन हिस्सा लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। अल्बानीज ने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के कुछ घंटों बाद जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन में शिरकत की थी। ज्यां-पियरे ने कहा कि क्वाड नेता इस बात पर चर्चा करेंगे कि वे महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों, उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे, वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन, समुद्री क्षेत्र में जागरुकता और सामरिक रूप से अहम हिंद-प्रशांत क्षेत्र से अन्य संबंधित मुद्दों पर आपसी सहयोग को कैसे गहरा कर सकते हैं। राष्ट्रपति बाइडेन 19 मई से 21 मई तक जापान के हिरोशिमा में आयोजित होने वाले जी-7 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद ऑस्ट्रेलिया पहुंचेंगे। भारत, अमेरिका और कई अन्य विश्व शक्तियां क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य दखलअंदाजी के मद्देनजर एक स्वतंत्र, मुक्त और संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में लंबे अरसे से बात कर रही हैं। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के वास्ते 2017 में एक नयी रणनीति विकसित करने के लिए क्वाड की स्थापना के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को आकार दिया था।
चीन विवादित दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे क्षेत्र पर दावा करता है। इस क्षेत्र में उसका ताइवान, फिलीपींस, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम सहित कई अन्य देशों के साथ विवाद है। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कई कृत्रिम द्वीपों और सैन्य अड्डों का निर्माण भी किया है।