मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नवरात्रि का पावन पर्व शक्ति की उपासना का पर्व है। मध्यप्रदेश और भोपाल का सौभाग्य है कि नवरात्रि में फौजी मेला और शस्त्र प्रदर्शनी से हमें शक्ति की आराधना का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा केन्द्र सरकार द्वारा भोपाल में फौजी मेला आयोजित करने के लिए आभारी हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत वर्ष का हजारों साल लम्बा ज्ञात इतिहास रहा है। हमारा शौर्य और वीरता भी हजारों वर्षों से स्थापित है। भारत के विचार, संस्कार, संस्कृति ने विश्व को दिशा दिखाई है। यदि हम शक्तिहीन हैं तो कोई हमारी बात नहीं सुनता है। भारत की सेना विश्व की सबसे अधिक सक्षम सेनाओं में से एक है। हमारे जवान कठिनतम परिस्थितियों में रह कर माँ भारती की रक्षा कर रहे हैं। सेना के त्याग, तपस्या के परिणामस्वरूप ही हम उत्सव और त्यौहार मना पाते हैं। मैं अपनी अद्भुत सेना के शौर्य, साहस और वीरता को प्रणाम करता हूँ।
मुख्यमंत्री चौहान भोपाल के मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय के मैदान में फौजी मेला और शस्त्र प्रदर्शनी का शुभारंभ कर संबोधित कर रहे थे। कमांडिंग इन चीफ नॉर्दन आर्मी कमांड लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी और तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने फीता काट कर तथा गुब्बारे छोड़ कर फौजी मेले का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान को फौजी मेला-2023 का स्मृति-चिन्ह भेंट किया गया।
आजादी के बाद शहीद हुए 30 हजार जवानों की स्मृति में बनाया है भोपाल का शौर्य स्मारक
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह सौभाग्य का विषय है कि तीनों सेनाओं की कमांडर कॉफ्रेंस 30 मार्च से 1 अप्रैल तक भोपाल में होने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी, केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के वरिष्ठतम अधिकारी इसमें शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सेना धर्म की जय के लिए समर्पित है। प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश है कि हम अपनी तरफ से किसी को छेड़ेंगे नहीं, अगर किसी ने हमें छेड़ा तो उसे छोड़ेंगे नहीं। पाकिस्तान ने सन् 1965 और 1971 में जुर्रत की तो हमारी सेनाओं ने उन्हें सबक सिखाया। कारगिल युद्ध और सर्जिकल स्ट्राइक में भी हमारे सैनिकों ने दुश्मन के इरादे नेस्तनाबूद किए। भारतीय सेना ने चीन को भी यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत किसी से कम नहीं है। आजादी के बाद भी 30 हजार जवानों ने शहादत दी है। उनकी स्मृति में हमने भोपाल में शौर्य स्मारक बनाया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत हथियारों के मामले में आत्म-निर्भर हो रहा है। फौजी मेले में भी अनेक ऐसे हथियार हैं, जो स्वदेश में ही निर्मित हुए हैं।
मध्यप्रदेश सरकार शहीदों के सम्मान के लिए समर्पित
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारे सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान देकर देश की रक्षा की है। केवल युद्ध ही नहीं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुँचाने में भी हमारी सेना संवेदनशीलता के साथ सक्रिय रही है। तुर्की में आई आपदा में सबसे पहले भारतीय सेना ने ही पहुँचकर राहत कार्य आरंभ किए थे। भारतीय सेना पर हमें गर्व है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार शहीदों के सम्मान के लिए समर्पित है। राज्य सरकार सर्वोच्च बलिदान की स्थिति में शहीद के परिवार को श्रद्धा और सम्मान स्वरूप एक करोड़ रूपए उपलब्ध कराती है। परिजन को शासकीय सेवा में स्थान देने के साथ शहीद की स्मृति में प्रतिमा या स्मारक भी स्थापित किया जाता है।
300 मीटर दूरी तक मार करने वाली एम- 4 गन से साधा निशाना
मुख्यमंत्री चौहान ने फौजी मेले में प्रदर्शित थल, वायु और जल सेना के अस्त्र-शस्त्र तथा उपकरणों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने 300 मीटर दूरी तक मार करने वाली एम-4 गन से निशाना साधा। साथ ही लेजर टारगेट डेसिंगनेटर, फगोट लांचर, वर्चुअल रियालटी सेट पर नेवी की गतिविधियों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने सियाचिन सर्वाइवल गियर, लाइट स्ट्राइक रायफल, कम्यूनिकेशन रोवर, अर्जुन युद्धक टैंक, वायु सेना के विमान संचालन की कार्य-प्रणाली को भी देखा और तकनीक के संबंध में जानकारी प्राप्त की।
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