डूंगरपुर, 19 अप्रेल। पंचायत के दबाव के बाद भी MSc कर रही युवती ने भाभी के 10वीं पास भाई से आटा-साटा विवाह को अस्वीकार कर दिया। अप्रसन्न पंच-पटेलों ने युवती के घर में घुस कर माता-पिता की पिटाई की। किंतु, युवती ने आटा-साटा का अनुचित दबाव स्वीकार नहीं किया तो पंचायत ने परवार पर 31 लाख रुपए का अर्थदण्ड लगाकर हुक्का-पानी बंद कर दिया। पीड़ित युवती के माता-पिता की शिकायत पर नौ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीबद्ध कर अन्वेषण प्रारंभ कर दिया है।
राजस्थान और सीमावर्ती मध्यप्रदेश के मालवा में आटा-साटा की कुप्रथा न जाने कितनी युवतियों के जीवन बर्बाद कर चुकी है। सैकड़ों दुष्परिणामें के सामने आने के बाद भी इस कुप्रथा पर विराम नहीं लगाया जा सका है। हाल ही में आटा-साटा का इतना विकृत रूप सामने आया है जिसका बयान करने में किसी पत्थरदिल की भी जुबां लरज जाए। प्रस्तुत है राजस्थान के डूंगरपुर जिले में सामने आए आटा-साटा का विवाद का शर्मनाक वाकया….
राजस्थान के डूंगरपुर में रामसागड़ा पुलिस थाना इलाके के लोड़वाड़ा गांव निवासी 20 वर्षीय जागृति लबाना ने पुलिस को शिकायत की कि उसके सौतेले भाई किशोर लबाना का विवाह माड़ा निवासी साकरचंद लबाना की बेटी माना के साथ हुई है। साकरचंद इसके बदले आटा-साटा के तहत अपने 10वीं पास बेटे का विवाह MSc कर रही जाग्रति से करवाने के लिए दबाव बना रहा है। सौतेला भाई किशोर भी ससुराल परिवार के समर्थन में है। साकरचंद का परिवार जाग्रति के माता-पिता को बेटी का विवाह उनके अनपढ़ बेटे से कराने के लिए डरा धमका रहा है।
जागृति के पिता भाणजी लबाना गुजरात में वेटर हैं, जबकि मां इंद्रा देवी गृहिणी हैं। भाणजी की पहली पत्नी बसंती की मौत हो गई थी। उसी का बेटा किशोर अपने विवाह के लालच में सौतेली छोटी बहन का विवाह अपने अनपढ़ साले से कराने पर आमादा है। जागृति की शिकायक के अनुसार 28 मार्च को कुछ लोग उसके घर पर आए और शादी के लिए मना करने पर उसकी मां इंद्रा देवी और पिता भाणजी लबाना के साथ मारपीट की। मां का मोबाइल तोड़ दिया, सोने की चेन छीनने और मार डालने का प्रयास भी किया था। इसके बाद 30 मार्च को भी बड़ी संख्या में पंच-पटेल उसके घर पर आए और जाग्रति के आटा-साटा विवाह के लिए परिवार को डराया-धमकाया। जाग्रति के अस्वीकार करन पर परिवार पर 31 लाख रुपए का अर्थदंड और दंड जमा नहीं करवाने पर हुक्का-पानी बंद करने की धमकी भी दी।
पुलिस ने जाग्रति की शिकायत पर किशोर लबाना, साकरचंद लबाना, राजेंद्र लबाना, अंबालाल लबाना, वालचंद लबाना, मंजू देवी लबाना, माना देवी लबाना, रमेश लबाना और हितेश लबाना के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।
आटा-साटाः बहन पैदा होते ही तय हो जाती है भाई की दुल्हन, बहन का दूल्हा
आटा-साटा एक सामाजिक कुप्रथा है। इसके तहत दुल्हन के ससुराल में आते ही दूल्हे की बहन की शादी दुल्हन के भाई से करनी होती है। इसमें दूल्हा-दुल्हन के गुण-धर्म, रूप-सौंदर्य और योग्यता का नहीं ध्यान नहीं रखा जाता। इस प्रथा में लड़की के बदले लड़की की सौदेबाजी होती है। राजस्थान के इस क्षेत्र में समाज में कन्या भ्रूण-हत्या की पुरानी कुप्रथा से लड़कियों की बेहद कमी हो गई है। इसलिए कई समाज में आटा-साटा की सामाजिक सौदेबाजी को अनौपचारिक मान्यता दे दी गई है। इसके कारण पढ़ी-लिखी युवा लड़कियों की शादी अनपढ़ और उम्रदराज पुरुषों से करनी पड़ती है।
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