DONT HARASS INNOCENT DOCTORS लिख कर डॉक्टर ने कर ली आत्महत्या, प्रसूता की मृत्यु के बाद मिल रही धमकियों से आई अवसाद में
दौसा, 30 मार्च। राजस्थान के स्वस्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का विधानसभा क्षेत्र लालसोट इन दिनों चर्चाओं में है। मंगलवार को एक स्त्री-रोग एवं प्रसूति विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या के बाद यह मामला प्रदेश व्यापी हो गया है। मंगलवार देर रात डॉ.शर्मा का मृत्यु पूर्व लिखा पत्र सामने आने के बाद राजस्थान के चिकित्सकों आक्रोशित है। विरोध कर रहे चिकित्सकों ने बुधवार को राजस्थान के सभी अशासकीय चिकित्सालय बंद रखे हैं, डॉ.शर्मा की मृत्यु के विरोध में चिकित्सालयों ने 24 घंटे के कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इस संबंध में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा इसे दुःखद बताते हुए कहा प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए।
ज्ञातव्य है कि डॉ.अर्चना शर्मा का लालसोट (दौसा) में चिकित्सालय है। सोमवार को प्रसव के समय एक प्रसूता की मृत्यु हो गई थी। परिजनों ने हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध कराया था। प्राथमिकी होने के बाद डॉ.अर्चना शर्मा अवसादग्रस्त हो गईं और मंगलवार को आत्महत्या कर ली। डॉ.अर्चना शर्मा के कक्ष से पुलिस को एक आत्महत्या-पत्र मिला है। पत्र में लिखा है–मैंने कोई गलती नहीं की, किसी को नहीं मारा, मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। मैं मेरे पति, बच्चों से बहुत प्यार करती हूं। कृपया मेरे मरने के बाद इन्हें परेशान नहीं करना। पीपीएच कॉम्पलिकेशन है। इसके लिए डॉक्टर को इतना प्रताड़ित करना बंद करो। मेरा मरना शायद मेरी बेगुनाही साबित कर दे। DONT HARASS INNOCENT DOCTORS, Please, LUV U please मेरे बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने देना।
धमकियां बर्दाश्त नहीं कर सकी डॉक्टर
गुजरात के एक चिकित्सा महाविद्यालय में एसोसियेट प्रोफेर रही डॉ.अर्चना शर्मा एमबीबीएस व एमडी स्त्री रोग, प्रसूति एवं नि:संतानता विशेषज्ञ हैं। स्नातकोत्तर में स्वर्ण-पदक विजेता डॉ. शर्मा और उनके पति डॉ.सुनीत उपाध्याय दौसा के लालसौट में आनंद हॉस्पिटल संचालित करते हैं।डॉ सुनीत न्यूरो साइकेट्रिस्ट हैं। दोनों विगत आठ वर्ष से चिकित्सालय संचालित कर रहे थे। डॉ.अरचना की आत्महत्या से परिवार पर आघात लगा है। डॉ. अर्चना के पति डॉ.सुनीत उपाध्याय के अनुसार डॉ.अर्चना अच्छी सर्जन थीं, किंतु आरोपियों की धमकियों और कारावास की चिंता से अवसाद में घिर कर स्वयं के जीवन को ही हार बैठीं। पिता को दी गई प्रदर्शनकारियों की गालियों ने डॉ. अर्चना को व्यथित कर दिया और सभी तरह के अवसाद का बोझ इस तरह बढ़ा कि विवश डॉ.अर्चना ने आत्महत्या कर ली। डॉक्टर दंपति का 12 वर्षीय एक बेटा और आठ वर्षीय एक बेटी है।
डॉ.अर्चना की मृत्यु से आक्रोश, धमकी देने वाले के विरुद्धFIR, प्रदेश के अशासकीय चिकित्सालय बंद
डॉ. अर्चना की आत्महत्या के बाद आनंद हॉस्पिटल के संचालक व मृतका के पति डॉ.सुनीत उपाध्याय ने लालसोट थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कराया है। इस प्रथमिकी के अनुसार आनंद हॉस्पिटल में प्रसूता की मृत्यु के बाद कुछ लोगों ने चिकित्सालय का घेराव किया और डॉ.अर्चना के विरुद्ध हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया गया था। डॉ. सुनीत उपाध्याय का आरोप है कि लालसोट निवासी शिवशंकर बल्या जोशी पहले भी कई बार चिकित्सलय में आकर धमकियां देता रहा है। वह बहुधा बहाने ढूढ़ कर धरना-प्रदर्शन करता रहता है, ताकि ब्लैकमेलिंग कर सके। डॉ. अर्चना की मृत्यु के बाद पूरे राजस्थान में विरोध प्रदर्शन प्रारंभ हो गया, बुधवार को लालसोट बाजार भी बंद रखा गया। आईएमए सर्विस डॉक्टर्स विंग के चेयरमैन डॉ.रघुवीर सिंह रतनू ने कहा कि इस घटना के विरोध में 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया गया है। डॉ.रतनू ने चेतावनी दी है कि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो राजस्थान के चिकित्सक विवश होकर आंदोलन के मार्ग पर निकल जाएंगे।
प्रसूता की सोमवार को हो गई थी मृत्यु
लालसोट के खेमावास निवासी लालूराम बैरवा ने महिला डॉक्टर के खिलाफ सोमवार को मामला दर्ज कराया था कि उसकी 22 वर्षीय पत्नी आशा देप्रसव के लिए सोमवार सुबह आनंद हॉस्पिटल भर्ती की गई थी। दोपहर में प्रसव हुआ और उसी समय आशाक की मृत् हो गई। आक्रोशित परिजन ने लालसोट थाने में डॉ.अर्चना शर्मा के विरुद्ध हत्या का प्करण दर्ज करा दिया था। इससे अर्चना शर्मा अवसाद में आ गईं। मंगलवार सुबह 11 बजे परिजन वंदना शर्मा तीसरी मंजिल पर स्थित डॉक्टर डॉ.अर्चना शर्मा के पास गईं तो कक्ष का द्वार बंद था। खटखटाया व आवाज लगाई, किंतु कोई हलचल नहीं हुई। वंदना ने अर्चना के पति डॉ.उपाध्याय को बुलाया, वह कक्ष तक पहुंचे और धक्का मारकर द्वार खोला। कमरे में डॉक्टर अर्चना फंदे पर लटक रही थीं।