जयपुर, 16 जुलाई। राजस्थान में उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के विरुद्ध विद्रोह से उठे सियासी उबाल का गुरुवार को सातवां दिन है। उठापटक और मानमनव्वल के दौर के बाद अब अशोक गेहलोत के दबाव में कांग्रेस की राजस्थान इकाई ने पायलट को बगावती तेवर के बाद डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ के पद से बर्खास्त कर दिया। हालांकि, उन्हें पार्टी में वापसी के लिए कांग्रेस के नेता बयान दे रहे हैं। पायलट ने यह तो साफ कर दिया है कि वो भाजपा में शामिल नहीं होंगे। आखिर उनका अगला कदम क्या होगा?
नई पार्टी बनाएंगे ?
सचिन को हटाए जाने के बाद कांग्रेस से 500 इस्तीफे हुए हैं। सुगबुगाहट है कि सचिन प्रगतिशील कांग्रेस जैसी पार्टी बनाने की रणनीत बना रहे हैं। हालांकि सदन में दल बदल कानून से बचने के लिए उन्हें कम से कम 34 विधायकों का साथ चाहिये, लेकिन फिलहाल यह संख्या पूरी होती नजर नहीं आ रही।
भाजपा में जाएंगे?
ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह भाजपा में जाने के लिए राजस्थान में वह कम से कम नंबर-2 की भूमिका चाहेंगे, लेकिन वहां पहले से वसुंधरा, गुलाबचंद कटारिया, गजेंद्रसिंह शेखावत, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया जैसे दिग्गज हैं। इसमें एक और सवाल है कि क्या 18 विधायक उनके साथ भाजपा में जाएंगे?
कांग्रेस में ही बने रहेंगे?
पायलट फिलहाल कांग्रेस के सदस्य हैं, उनके लिए कांग्रेस में हीबने रहेने का विकल्प आसान है। उनके और 18 सहयोगी विधायकों के खिलाफ स्पीकर के पास दल बदल कानून उल्लंघन की याचिका लगी है। सचिन अदालत के जरिए इसे रुकवा दें तो पार्टी में रहकर फिर से ताकत जुटा सकते हैं।
मौजूदा गणित
गहलोत का दावा- हमारे पास 109 विधायक, सरकार सुरक्षित। जबकि पायलट अपने साथ 30 विधायक बता रहे हैं, लेकिन अभी 22 ही खुलकर मुखर हैं।
भाजपा का दावा- गेहलोत सरकार अल्पमत में है।
फिलहाल पार्टीवार स्थिति: कुल विधायक 200
107 कांग्रेस, 72 भाजपा, 13 निर्दलीय, 3 आरएलपी, 2 सीपीएम 2 बीटीपी 1 आरएलडी।