ग्वालियर। सिंधिया राजवंश के मौजूदा मुखिया और केंद्री नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ौदा राजघराने की प्रियदर्शिनी से पहली नजर में ही प्यार हो गया था। उस वक्त ज्योतिरादित्य US में पढ़ाई कर रहे थे, जबकि प्रियदर्शिनी मुंबई में। कॉमन फ्रैंड्स ने मुंबई के एक होटल में डिनर रखा था, जिसमें इन दोनों की मुलाकात हुई। मुलाकात के ठीक तीन वर्ष बाद उनका विवाह हो गया। देखते ही लगा था कि वह मेरे लिए ही है….
वैलेंटाइन डे के मौके पर khabarkhabaronki.com बता रहा है, ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रियदर्शिनी की पहली मुलाकात की कहानी…
ग्वालियर के सिंधिया राजवंश के ज्योतिरादित्य सिंधिया को बड़ौदा की गायकवाड़ राजकुमारी पहली नजर में ही भा गई थीं। खुद, ज्योतिरादित्य ने इस वाकए को लिखा है, उनके मुताबिक दिसंबर 1991 में US में पढ़ाई के दौरान अपने पेरेंट्स के पास समय बिताने वह मुंबई आए थे। इसी दौरान कुछ मित्रों ने एक होटल में आयोजित डिनर में दोनों को आमंत्रित किया था। डाइनिंग टेबल पर जब दोनों का परिचय कराया गया तो शादी जैसा कोई प्रस्ताव नहीं था। फिर भी ज्योतिरादित्य को पहली मुलाकात में ही लगा था कि प्रियदर्शिनी उनके लिए ही बनी हैं। मुलाकात के ठीक तीन वर्ष बाद दिसंबर 1994 में दोनों एक दूसरे के हो गए थे।
शादी के बाद खुद को बदला प्रियदर्शिनी ने
US एजुकेटेड ज्योतिरादित्य के साथ विवाह के बाद प्रियदर्शिनी बाहर निकल कर काम करना चाहती थीं। किंतु, सिंधिया राजवंश की बहू बन कर उन्होंने ग्वालियर अंचल की आम सोच, ‘बहुएं घर के बाहर काम नहीं करतीं’ से सामंजस्य बिठाया। हालांकि खुद उनके ससुर कैलाशवासी माधवराव सिंधिया ने भी उन्हें बाहर निकल कर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
ससुर की दुखज-मृत्यु के बाद बांटी ज्योतिरादित्य की जिम्मेदारियां
विवाह के बाद के प्रारंभिक वर्षों में प्रियदर्शिनी राजे ग्वालियर की परंपरा के मुताबिक घरेलू बहू बन कर रहीं थी, किंतु ससुर और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया ने उन्हें प्रोत्साहित किया तो उन्होंने ज्योतिरादित्य के साथ अपनी जिंदगी खुद नियोजित करने का निर्णय लिया था। समस्त ग्वालियर के लिए आए एक मनहूस पल में विमान दुर्घटना ने माधवराव सिंधिया को छीन लिया। बहुत कम उम्र में ही ज्योतिरादित्य से पिता का मार्गदर्शन छिन गया। उस दुर्घटना ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जिंदगी बदल दी। प्रियदर्शिनी राजे को भी भावी जीवन की योजनाओं में बदलाव करना पड़ा। उन्होंने राजनीति में आने के बाद पति की जिंदगी में आई चुनौतियों को साझा किया। इसके बाद वह घर से बाहर निकलीं, माधवराव सिंधिया के उन सपनों पर काम किया जो वह अपनी हैरिटेज-प्रॉपर्टी को सहेजने के लिए करना चाहते थे। ज्योतिरादित्य को पारिवारिक जिम्मेदारियों की चिंता से भी मुक्ति दी, ताकि वह राजनीति में कामयाब हो सकें।
दुनिया की 20 खूबसूरत शाही महिलाओं में शामिल प्रियदर्शिनी
लगभग सात वर्ष पूर्व एक फैशन मैग्जीन ने सर्वे कराया था, कि दुनिया भर के शाही खानदानों से संबंध रखने वाली महिलाओं में फैशन सेंस, लाइफ स्टाइल और बॉडी मेंटीनेंस के आधार पर सबसे खूबसूरत कौन है। इस सूची में प्रियदर्शनी राजे को टॉप-20 में शामिल किया गया था। प्रियदर्शिनी राजे की खासियत है कि वह शाही परंपराओं को निभाते हुए भी खुद को संतुलित बनाए रखती हैं। साथ ही वह पहनावे में मर्यादा बनाए रखते हुए भी आधुनिक फैशन ट्रेंड्स के साथ सामंजस्य बना लेती हैं।
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